Chhattisgarh: खुले आसमान के नीचे रखे गए करोड़ों के धान, मुंगेली के उपार्जन केंद्रों में 84 हजार क्विंटल धान हो रहे बर्बाद

Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजनाओ में से एक महत्वपूर्ण योजना धान समर्थन मूल्य योजना के अंर्तगत खरीदे गए करोड़ों के धान आज भी खुले आसमान में पड़े हुए है. वहीं मुंगेली जिले के कई धान उपार्जन केंद्रों में 84 हजार क्विंटल धान बर्बाद हो रहे है.
Chhattisgarh News

फाइल इमेज

Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजनाओ में से एक महत्वपूर्ण योजना धान समर्थन मूल्य योजना के अंर्तगत खरीदे गए करोड़ों के धान आज भी खुले आसमान में पड़े हुए है. वहीं मुंगेली जिले के कई धान उपार्जन केंद्रों में 84 हजार क्विंटल धान बर्बाद हो रहे है. लापरवाही की वजह से बड़ी मात्रा में शार्टेज की आशंका है. इसको लेकर जिम्मेदार एक-दूसरे के ऊपर ठीकरा फोड़ रहे है, लेकिन हकीकत में शासन को करोड़ों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है.

करोड़ों के धान हो रहे बर्बाद

फिलहाल मुंगेली कलेक्टर राहुल देव इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जीरो शार्टेज लाने की हिदायत दे रहे है. दो टूक उन्होंने कहा है पहली बार जिले में इतने एफआईआर नही हुए जितना कि अब होंगे दोषी जेल जाएंगे. खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान समर्थन मूल्य में धान की खरीदी 1 नवम्बर से शुरू होकर 4 फरवरी तक कि गई. मुंगेली जिले में इस बार 66 समिति के 105 उपार्जन केंद्रों में 55 लाख 86 हजार क्विंटल बम्पर धान की खरीदी हुई. करीब 1 लाख 4 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराकर अपना धान उपार्जन केन्द्रों में बेचा था. फरवरी माह से खरीदी भले ही बंद हुई हो लेकिन लापरवाही की वजह से आज दिनांक तक जिले में धान का उठाव नही हो सका. जिले के 35 उपार्जन केंद्रों से सभी धान की परिदान किया जा चुका है लेकिन 70 उपार्जन केंद्रों में आज भी 84 हजार क्विंटल धान खुले आसमान में बर्बादी होने के कगार पर पड़े हुए है जिसकी कीमत तकरीबन 26 करोड़ 40 लाख रुपये आंकलन किया गया है. वही मुंगेली जिला पूरे प्रदेश में उठाव न करने के मामले में पहले स्थान पर है, लेकिन इस बर्बादी के जिम्मेदार समर्थन मूल्य में खरीदी के अनुबंध के अनुसार समिति केंद्र, सीसीबी और विपणन विभाग है लेकिन जब भी शार्टेज की स्थिति निर्मित होती है तब होता है आरोप प्रत्यारोप का दौर और ये सभी एक दूसरे पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ते नजर आते है.

ये भी पढ़ें- पति को माता-पिता से अलग करने के बाद भी पत्नी के व्यवहार में बदलाव नहीं आना मानसिक क्रूरता – हाई कोर्ट

मुंगेली कलेक्टर ने समितियों पर करवाई  FIR

मामला हाईकोर्ट तक जाता है. यही वजह है कि जब न्यायालय तक बात पहुचती है कार्रवाई से सभी बच जाते है. वहीं इस बार मुंगेली कलेक्टर के सख्त रवैय्ये से बड़ी मात्रा में शार्टेज को लेकर समितियों पर 4 एफआईआर की कार्रवाई की गई है. वही एक समिति गुरुवाइनडबरी में बिना डीओ के धान का परिवहन करते पाए जाने पर समिति प्रभारी और राइस मिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसी समिति केंद्र पर लगभग 25 सौ क्विंटल धान के शार्टेज होने पर एफआईआर दर्ज करवाया गया है. करीब 70 उपार्जन केंद्रों में जिसमे सबसे ज्यादा आकड़ों पर नजर डाले तो छटन, जुनवानी, सिंघनपुरी, शुक्लाभांठा, पौनी, गुवाईनडबरी के साथ अन्य समिति शामिल है. जहां धान तो है जो प्रायः अमानक स्थिति में पड़े हुए है. अधिकांश ऐसे धान उपार्जन केंद्र है. जहां रिकार्ड में हजारो क्विंटल धान दिख रहा है, लेकिन मौके पर विस्तार न्यूज की टीम पहुची तो वहां धान है ही नही जिसमे लोरमी समिति सहित कई उपार्जन केंद्र में देखा गया.

समिति केंद्र के कर्मचारियों का कहना है धान का शार्टेज नही है वजन का शार्टेज है हमने जितनी बोरी धान खरीदी की थी उतना हमने परिदान किया है और जो शार्टेज दिखाई दे रहा है वो सूखा का असर है जिसकी वजह से शार्टेज आना लाजमी है और ये सब इस वजह से निर्मित हुआ कि धान का समय पर उठाव नही हो पाया साथ ही अब राइस मिलर्स उठाव के लिए कमीशन के आधार पर उठाव की बात करते है. वही सहायक पंजीयक कहना है कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम भौतिक सत्यापन कर रही है जहां बड़ी मात्रा में शार्टेज होगा वहा एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि अनुबंध हुई संस्था की मध्यस्थता करते हुए कलेक्टर इसका निराकरण करे जो दोषी है उसपर 45 दिवस के भीतर कार्रवाई की जाए.

ज़रूर पढ़ें