Chhattisgarh: देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन का नोजल निकल जाने से मरीज की मौत, गिड़गिड़ाते रहे परिजन

Chhattisgarh News: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस तरह की लापरवाही कई बार सामने आ चुकी है और लोग कई बार लोगों की लापरवाही की वजह से मौत हो चुकी है. वहीं परिजन भी आरोप लगाते रहे हैं लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था नहीं सुधर रही है.
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Chhattisgarh News: अंबिकापुर स्थित श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंह देव मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के अभाव में एक व्यक्ति की मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऑक्सीजन देने के लिए लगाया गया नोजल बाहर निकल गया, इसकी वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई और वे इसे ठीक करने के लिए अस्पताल में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों से कई बार गुहार लगाते रहे लेकिन नर्स ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया, इसकी वजह से ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण मरीज की जान चली गई. वहीं दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन है इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की बात कर रहा है.

ऑक्सीजन का नोजल निकल जाने से मरीज की मौत

सूरजपुर जिले के बांसापारा निवासी रामचंद्र ठाकुर 50 वर्ष की तबियत बिगड़ गई. इस पर उसे सूरजपुर के जिला अस्पताल में परिजनों ने इलाज के लिए भर्ती कराया लेकिन जांच में पता चला कि उसके फेफड़ों में परेशानी है और वह सही तरीके से सांस नहीं ले पा रहा है. इसके बाद उसे अंबिकापुर स्थित मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. यहां रामचंद्र को उसका बेटा संजय ठाकुर और अन्य परिजन लेकर पहुंचे, इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उसे ऑक्सीजन के लिए लगाया गया नोजल बाहर निकल गया. इसकी वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो गई और मरीज बिस्तर पर तड़पने लगा, इसकी जानकारी वार्ड में ड्यूटी कर रहे नर्स को परिजनों ने दिया लेकिन इसके बाद भी अस्पताल में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों ने परिजनों की बातों को नजर अंदाज कर दिया और कुछ देर बाद मरीज की अस्पताल में मौत हो गई.

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अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

बता दे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस तरह की लापरवाही कई बार सामने आ चुकी है और लोग कई बार लोगों की लापरवाही की वजह से मौत हो चुकी है. वहीं परिजन भी आरोप लगाते रहे हैं लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था नहीं सुधर रही है. वहीं जब भी ऐसी कोई घटना होती है तो अस्पताल प्रबंधन के द्वारा जांच की बात की जाती है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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