Chhattisgarh: अंबिकापुर में बीमारी ठीक होने का झांसा देकर कराया धर्म परिवर्तन, जब नहीं बची जान तो 16 साल बाद मूल धर्म में वापस लौटे लोग
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा रहा है, और भाजपा आरोप लगाती रही है कि कांग्रेस के सरकार में राज्य में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ है, लेकिन सरगुजा इलाके में धर्मांतरण के कई मामले सामने आते रहे हैं. इस बीच अलग-अलग संगठनों द्वारा हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्म को अपना रहे लोगों की घर वापसी भी कराई जा रही है लेकिन विस्तार न्यूज़ की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर यह जाना कि आखिर लोग अपना धर्म क्यों बदल दे रहे हैं. इस दौरान हमने धर्म परिवर्तन के बाद मूल धर्म में आने वाले लोगों से बातचीत की तो कई खुलासे हुए.
बीमारी ठीक होने का झांसा देकर कराया धर्म परिवर्तन
अंबिकापुर के बहेरापारा में रहने वाली प्रभा किसपोट्टा के पति का तबीयत खराब हो गया और उनके पैर में सूजन आने लगी वह इलाज करा कर थक गए लेकिन कोई राहत नहीं मिली इसके बाद उन्हें कुछ लोगों ने कहा कि आप चर्च जाना शुरू कर दें और उन्होंने ऐसा ही किया लेकिन उसके बाद भी उनके पति की तबीयत में सुधार नहीं हुआ और उनकी मौत हो गई. इसी तरह दिनेश किसपोट्टा के पिता की तबीयत खराब रहने लगी और उन्हें लकवा की शिकायत बताई गई इस पर उन्हें कहा गया कि आप अपने धर्म बदल लोगे तो आपके पिता ठीक हो जाएंगे परिवार के लोगों ने अपना धर्म बदल लिया लेकिन कोई राहत नहीं मिला और 16 साल तक हुए धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म से दूर रहे लेकिन अब इस परिवार ने भी धर्मांतरण का हकीकत समझ और इस परिवार की भी घर वापसी हो गई है.
वहीं घर वापसी के बाद दिनेश की पत्नी देवन्ति भी खुश है उनका पैर धोकर वापस उन्हें हिंदू धर्म में लाया गया. वह कह रही है कि सिंदूर लगाकर उन्हें अब अच्छा लग रहा है वह पहले दूसरे धर्म में रहते हुए सिंदूर नहीं लग पा रही थी.
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सरगुजा में 100 से अधिक परिवारों ने किया धर्म परिवर्तन
धर्मांतरण का खेल अब तक सरगुजा के आदिवासी इलाकों में हो रहा था लेकिन कुछ सालों से अंबिकापुर शहर के अलग-अलग मोहल्ले में भी धर्मांतरण का खेल चल रहा है अंबिकापुर के बहेरापारा निवासी युवक चुनमुन मिंज ने खुलासा किया कि उसके ही मोहल्ले में पिछले 5 से 7 साल के बीच में 100 से अधिक परिवारों ने अपना धर्म बदल लिया और धर्मांतरण करने वाले उसे भी धर्म परिवर्तन करने के लिए कई तरह से झांसा दे रहे थे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
फिर मूल धर्म में वापस आ रहे लोग
दूसरी तरफ धर्मांतरण के बाद घर वापसी यानी अपने मूल धर्म में लाने के लिए अलग अलग संगठन काम कर रहे हैं. धर्म जागरण मंच के जिला संयोजक समीर मंडल का कहना है कि लोगों को बीमारी ठीक होने का झांसा देकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है, और इस बीच उनका संगठन लोगों को धर्मांतरण के खिलाफ जागरुक कर रहा है और झांसा में आकर धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को वापस मूल धर्म में लाने के लिए काम कर रहे हैं.