Chhattisgarh की खैरागढ़ नगर पालिका को लेकर सियासी पारा हाई, भ्रष्टाचार के आरोप पर भिड़े पक्ष और विपक्ष
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की खैरागढ़ नगर पालिका में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. वर्तमान में खैरागढ़ नगर पालिका में BJP का कब्जा है. तत्कालीन अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा सहित कांग्रेस पार्टी के दो पार्षद सुमित टांडिया और दिलीप राजपूत ‘हाथ’ का दामन छोड़कर BJP में शामिल हो चुके हैं, जिसके बाद से खैरागढ़ नगर पालिका की अध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस पार्टी के हाथ से छूट कर बीजेपी पार्टी के कब्जे में हो गई है. ऐसे में अब आरोपों का दौर शुरू हो गया हैऔर इन आरोपों को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं.
भ्रष्टाचार के आरोप
खैरागढ़ नगर पालिका में बड़े उलटफेर के बाद से कांग्रेस पार्षद लगातार BJP पार्षदों पर हमलावर हैं. कांग्रेस पार्टी से पूर्व पार्षद और वर्तमान में खैरागढ़ विधायक प्रतिनिधि मनराखान देवांगन ने एक बार फिर पालिका के वार्ड पार्षद रेखा गुप्ता के पति विकेश गुप्ता पर फर्जी फर्म पर लाखों रुपए का भुगतान लेने का आरोप लगाया है. विकेश गुप्ता पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है. साथ ही यह भी कहा गया है कि विकेश गुप्ता को बिना जीएसटी नंबर , बिना गुमास्ता और फर्जी श्रीराम ट्रेडर्स फर्म को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से स्टेशनरी खरीदी के नाम पर एक लाख रुपए से भी अधिक का भुगतान किया गया है.
‘सरकार को बदनाम करने की कोशिश’
BJP ने विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन के भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. BJP पार्षद रेखा गुप्ता के पति विकेश गुप्ता ने इस पूरे मामले में कहा- ‘हमारी विष्णु देव साय की सरकार को बदनाम करने और बीजेपी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. इस तरह से मीडिया में विपक्ष अफवाह फैला रही है. श्रीराम ट्रेडर्स का प्रोपराइटर मैं नहीं हूँ, कोई और है. इसके बउजूद मुझे और मेरी बीजेपी पार्टी को विपक्ष के द्वारा बेवजह मेरा नाम लेकर बदनाम किया जा रहा है.’
इस मामले पर बात करते हुए नगर पालिका खैरागढ़ की बीजेपी पार्टी से अध्यक्ष गिरिजा चंद्राकर ने पार्षदों पर लग रहे सभी आरोपों को झूठा बताया है. साथ ही उन्होंने कहा- ‘ये विपक्ष की सोची-समझी चाल है. बदनाम करने के नियत से यह अफवाह फैलाई जा रही है.’
सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद
नगर पालिका के डीलिंग क्लर्क कर्मचारी मनोज शुक्ला ने इस पूरे मामले में मीडिया को बताया- ‘यह सभी आरोप बेबुनियाद है क्योंकि श्रीराम प्रिंटर के सभी अवश्यक दस्तावेज जैसे- GST नंबर, गुमास्ता प्रमाण पत्र, उद्यम पंजीयन सहित उनका बैंक में करंट अकाउंट और फर्म का पंजीयन है. निविदा में भाव कम भाव पत्र के अनुसार ही फर्म को कार्य दिया गया था. सभी जरूरी दस्तावेज फर्म के पास मौजूद हैं.’
कोर्ट जाने की बात
श्रीराम प्रिंटर के प्रोपराइटर दिनेश गुप्ता ने स्टेशनरी के नाम पर नगर पालिका खैरागढ़ में अपने श्रीराम प्रिंटर फर्म के नाम पर पंजीकृत लाइसेंस एवं जीएसटी नंबर, गुमास्ता प्रमाण पत्र दिखाते हुए विपक्ष के द्वारा लगाए जा सभी झूठे आरोपों का खंडन किया. साथ ही उन पर लग रहे आरोपों पर कोर्ट जाने की बात कही है.
रिपोर्ट- खैरागढ़ से नितिन भांडेकर की रिपोर्ट, Vistaar News