Chhattisgarh: 32 साल पहले बलरामपुर के बीजाकुरा में आए थे प्रधानमंत्री, आज प्राथमिक पाठशाला तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं

Chhattisgarh News: बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र स्थित बीजाकुरा गांव की प्राथमिक पाठशाला तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है. यहां बच्चे नाला और पगडंडी रास्ते से होते हुए किसी तरीके से स्कूल पहुंच रहे हैं.
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बलरामपुर का स्कूल

Chhattisgarh News: बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र स्थित बीजाकुरा गांव की प्राथमिक पाठशाला तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है. यहां बच्चे नाला और पगडंडी रास्ते से होते हुए किसी तरीके से स्कूल पहुंच रहे हैं. इससे बच्चों के साथ ही साथ शिक्षक भी परेशान है. वहीं दूसरी तरफ यहां पीने के पानी की भी समस्या है, बच्चों को पीने का पानी कुएं में जाकर पीना पड़ रहा है. इस गांव के स्कूल की हालत ऐसी तब है जब यहां आज से 32 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव भी पहुंच चुके हैं लेकिन इस गांव की सूरत तक नहीं बदली.

प्राथमिक पाठशाला तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं

वाड्रफनगर क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत लंगडी का आश्रित गांव है बीजाकुरा गांव, इस गांव के पटेलपारा के प्राथमिक पाठशाला भवन तक पहुंचाने के लिए अब तक सड़क ही नहीं बना है कि स्कूल में 25 बच्चे पढ़ाई करते हैं, और इस स्कूल के बाजू में ही आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है जहां 5 साल से कम उम्र के बच्चों को रखा जा रहा है लेकिन सड़क नहीं होने के कारण बच्चे यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं दूसरी तरफ इसकी जानकारी अफसर को भी है, लेकिन उनका कहना है कि आने वाले दिनों में वह इसके लिए प्रयास करेंगे इस स्कूल का ज्यादा क्षेत्रीय विधायक शकुंतला पोर्ते ने भी लिया और उन्होंने भी शिक्षकों के साथ बच्चों को भरोसा दिलाया है कि यहां स्थित नाला में पुल व सड़क का निर्माण उनके द्वारा प्राथमिकता के साथ करवाया जाएगा.

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32 साल पहले आए थे प्रधानमंत्री

बीजाकुरा गांव तब सुर्खियों में आया था जब 1992 में यहां रिबई पंडो नामक एक व्यक्ति की भूख की वजह से मौत हो गई थी. इसके बाद यहां प्रधानमंत्री पहुंचे थे और यह गांव कई सालों तक सुर्खियों में रहा लेकिन अभी इस गांव की तस्वीर नहीं बदली है. स्कूल तक ही नहीं गांव के अलग-अलग मोहल्ले तक पहुंचाने के लिए बनाई गई सड़कों की हालत भी बेहद जर्जर है. इस स्कूल का जायजा लेने के लिए पहुंचे ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने भी कहा कि यहां सड़क नहीं होने से समस्या हो रही है और यही वजह है कि ऐसे स्कूलों में बच्चों के साथ शिक्षक भी आना नहीं चाहते। दूसरी तरफ अब तक सड़क नहीं होने के कारण स्कूल बिल्डिंग का पूर्ण रूप से निर्माण नहीं हुआ है और यहां स्कूल अतिरिक्त कक्ष में संचालित किया जा रहा है.

बीईओ मनीष कुमार नहीं बताया कि इस स्कूल में जाने के लिए सड़क नहीं होने के कारण बच्चों और शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन किसी तरीके से शिक्षक स्कूल तक पहुंच जा रहे हैं उन्होंने कहा कि यहां सड़क और पुलिया निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को भेजा जाएगा ताकि स्कूल का रास्ता ठीक हो सके. वही इस पूरे मामले पर विस्तार न्यूज़ ने जब बलरामपुर कलेक्टर आर एक्का से बात की तो उन्होंने कहा कि बीजाकुरा पटेल पारा के स्कूल की दशा दिशा सुधारने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरीके से काम कर रहा है और आने वाले दिनों में यहां सड़क निर्माण कर दिया जाएगा और उसके बाद बच्चों को परेशानी नहीं होगी.

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