पर्यटकों को खूब भाएगा छत्तीसगढ़ का ‘मिनी काशी’, आध्यात्मिक पर्यटन नीति से संवरेगा धार्मिक और एतिहासिक सुंदर महादेव घाट कॉरिडोर

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की 'मिनी काशी' यानि राजधानी रायपुर के महादेव घाट का स्वरूप जल्द बदलने वाला है. उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर यहां महादेवघाट कॉरिडोर तैयार किया जाएगा.
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ऐसे बनेगा महादेव घाट कॉरीडोर

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की ‘मिनी काशी’ यानि राजधानी रायपुर के महादेव घाट का स्वरूप जल्द बदलने वाला है. उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर यहां महादेवघाट कॉरिडोर तैयार किया जाएगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की आध्यात्मिक पर्यटन नीति के तहत महादेव घाट कॉरिडोर के विकास की घोषणा की है. इस परियोजना का उद्देश्य रायपुर में खारुन नदी के किनारे स्थित महादेव चौक, मंदिरों और घाटों पर सुविधाओं को बढ़ाना है.

हैंगिंग ब्रिज, बोटिंग पॉइंट से सजेगा महादेव घाट

राज्य सरकार के अनुसार, महादेव घाट कॉरिडोर में घाटों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण, तीर्थयात्रियों के लिए दुकानों और अन्य सुविधाओं का विकास, साथ ही पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक हैंगिंग ब्रिज और बोटिंग सेवाओं का निर्माण शामिल होगा. यह पहल क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हटकेश्वर महादेव मंदिर पर केंद्रित है.

छत्तीसगढ़ का ‘मिनी काशी’

हटकेश्वर महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ के धार्मिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और इसे अक्सर “मिनी काशी” के रूप में जाना जाता है. बयान में कहा गया है कि महादेव कॉरिडोर के निर्माण का उद्देश्य तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाना और देश भर से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाना है.

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विधायक-मेयर ने देखा प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन

रायपुर के मेयर ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित भारत भर में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के बड़े लक्ष्य से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि महादेव कॉरिडोर के पूरा होने से छत्तीसगढ़ को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन मानचित्र पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने की उम्मीद है. राज्य सरकार ने आगंतुकों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों को संरक्षित और विकसित करने के लिए परियोजना शुरू की है.

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