Chhattisgarh: मां-बेटे और पत्नी की पार्टी ‘जोगी कांग्रेस’ का बीजेपी में हो जाएगा विलय? जानें अमित जोगी के दिल्ली दौरे के क्या हैं मायने
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव का माहौल बनने लगा है. राज्य में लोकसभा की चुनावी जंग बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं, क्योंकि अभी से राजनीतिक गलियारों में नेताओं के इधर-उधर जाने की हवा तेज हो गई है. इसके साथ ही राज्य की बड़ी क्षेत्रीय पार्टी ‘जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी’ (JCCJ) के बीजेपी में विलय होने की खबरें भी जोर पकड़ रही हैं. 8 जनवरी को जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की है. इसके बाद छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
अमित जोगी ने दिल्ली में अमित शाह से की मुलाकात
2023 के विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस अकेले दम पर उतरी थी, लेकिन पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के तीनों प्रमुख चेहरे अमित जोगी, रेणु जोगी और ऋचा जोगी के वोटों जोड़ने पर भी 30 हजार नहीं हो रहे हैं. वहीं 2018 विधानसभा की बात करें तो जोगी कांग्रेस बीएसपी के साथ गठबंधन में 7 विधायकों और 14 प्रतिशत वोट बैंक के साथ राज्य में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी हुई थी. तब छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी पार्टी की कमान संभाल रहे थे. लेकिन पिछले 7 साल में पार्टी का ग्राफ लगातार गिरा है.
जोगी कांग्रेस का बीजेपी में हो सकता है विलय!
कांग्रेस पार्टी से अलग होकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 2016 में खुद की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी पार्टी का गठन किया था. 2018 में पार्टी ने पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन तीसरे मोर्चे में सिमट गई. पिछले 5 साल में पार्टी के विधायक विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व तो कर रहे थे, लेकिन ग्राउंड में पर नहीं दिखे. इसके अलावा पार्टी के 5 विधायक में से 2 विधायक अजीत जोगी और देवव्रत सिंह का निधन हो गया. इसके बाद पार्टी ने सीनियर नेता धरमजीत सिंह को पार्टी तोड़ने का आरोप में पार्टी से निकाल दिया. वहीं बलौदा बाजार से विधायक रहे प्रमोद शर्मा भी ठीक चुनाव के पहले अलग हो गए. यानी 2023 के चुनाव में पार्टी की इकलौती विधायक रेणु जोगी ही थी.ं
जोगी कांग्रेस अब हवा के रूख के साथ बहने के लिए तैयार!
छत्तीसगढ़ में जोगी कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लंबे समय से लड़ रही है. 2023 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की अन्य राजनीतिक दलों से गठबंधन की चर्चा हुई. लेकिन सभी बातें हवा-हवाई निकलीं और अब फिर से लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जोगी कांग्रेस की बीजेपी में विलय की चर्चा हो रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के बाद दिल्ली में बीजेपी के टॉप लीडरशिप के साथ मीटिंग कर रहे हैं. 8 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अमित जोगी ने मुलाकात की है.
पहले भी बीजेपी का उपचुनाव में साथ दे चुकी पार्टी
आपको ये भी बता दें कि मरवाही सीट के उपचुनाव में भी जोगी कांग्रेस ने बीजेपी का समर्थन किया था. इसके बाद से कांग्रेस पार्टी जेसीसीजे को बीजेपी की बी टीम कहने लगी. वहीं 2023 के चुनाव में भी अमित जोगी चुनाव जीतने की जगह वोट काटने की भूमिका में नजर आए. जब वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन विधानसभा से चुनाव लड़ने गए. इसके अलावा जोगी कांग्रेस के एक सीनियर नेता धरमजीत सिंह पहले ही बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं और बीजेपी से विधायक बन चुके हैं.
क्या अमित जोगी को लोकसभा चुनाव में मिलेगा टिकट?
अमित शाह से मुलाकात के बाद जोगी कांग्रेस के बीजेपी में विलय की अटकलें जोर पकड़ रही हैं. इसके साथ भी एक राजनीतिक चर्चा ये भी है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका को लेकर बीजेपी को प्रस्ताव दे सकते हैं. माना ये भी जा रहा है कि अगर लोकसभा में टिकट नहीं मिला तो 2025 में छत्तीसगढ़ से खाली होने वाले राज्यसभा सीट पर भी अमित जोगी की नजरें हो सकती हैं. हालांकि, विलय को लेकर अभी भी केवल कयास ही लगाए जा रहे हैं, आधिकारिक बयान के बाद ही तस्वीर और साफ होगी.