Chhattisgarh: रायपुर के भनपुरी में शासकीय प्राथमिक शाला में चल रहा स्वामी आत्मानंद स्कूल, फटी दरी पर बैठकर पढ़ रहे बच्चे, सुविधा कोई नहीं

Chhattisgarh News: रायपुर के भनपुरी में संचालित हो रही स्वामी आत्मानंद स्कूल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. भनपूरी स्थित शासकीय प्राथमिक शाला को ही स्वामी आत्मानंद स्कूल में तब्दील करके संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा इस स्कूल का मंजर देखकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए न ही पढ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था है और न ही सुलभ जाने के लिए.
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Chhattisgarh News: रायपुर के भनपुरी में संचालित हो रही स्वामी आत्मानंद स्कूल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. भनपूरी स्थित शासकीय प्राथमिक शाला को ही स्वामी आत्मानंद स्कूल में तब्दील करके संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा इस स्कूल का मंजर देखकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए न ही पढ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था है और न ही सुलभ जाने के लिए. बच्चे जमीन पर बैठकर टूटी-फूटी दरी पर जैसे तैसे पढ़ाई करते हैं. स्वामी आत्मानंद स्कूल में साढ़े चार सौ बच्चों पर केवल 9 टीचर हैं. स्कूल की व्यवस्था यहां पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता परेशान है.

स्कूल में टूटी दरी में बैठकर पढ़ रहे बच्चे

आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस स्कूल में स्वामी आत्मानंद स्कूल अंग्रेजी मीडियम संचालित हो रहा है.  स्वामी आत्मानंद स्कूल छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी. इसमें बच्चों को मुफ्त में अंग्रेजी मीडियम में अच्छी शिक्षा देने के लिए व्यवस्था किया गया था. प्रदेश भर में स्वामी आत्मानंद स्कूल अलग से बनाए गए थे लेकिन राजधानी के भनपूरी में प्राथमिक शाला में ही स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालित हो जा रहा है. इस स्कूल की हालत देखकर आप कहेंगे कि यहां बच्चों को न ही पढ़ाया जाए तो ठीक है. जब हम स्कूल के क्लासरूम में दाखिल हुए तो पढ़ने के समय के दौरान टीचर नदारत मिले. क्लास के शुरू होने का समय दोपहर 12:00 का था लेकिन 12:15 तक क्लासरूम में टीचर ही नहीं थे. बच्चे कॉपी किताब लेकर टीचर के इंतजार में फर्श पर बैठे हुए मिले.

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450 बच्चों के स्कूल में सिर्फ 9 टीचर

जब हम स्कूल के दूसरे क्लास रूम में पहुंचे तो यहां टीचर तो थे लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि कंप्यूटर के टीचर मैथ्स पढ़ाते हुए मिले. जब हमने टीचर से बातचीत की तो पता चला कि स्कूल में 450 बच्चे हैं और टीचर केवल 8 से 9 हैं. इसके कारण कंप्यूटर की टीचर को मैथ्स भी पढ़ाना पड़ता है और साइंस की टीचर को संस्कृत भी. इसकी शिकायत कई बार ऊपर बैठे अधिकारियों से की जा चुकी है लेकिन इसका सुध लेने वाला कोई नहीं है. यहां तक की स्कूल में पढ़ा रहे टीचरों ने बताया कि स्कूल में एक भी पीयुन तक नहीं है. झाड़ू लगाने से लेकर बच्चों को स्कूल के गेट से लाने ले जाने तक का काम टीचर को ही करना पड़ता है और तो और बाहर से मंगाए जा रहे मिड डे मिल भी टीचर ही सर्व करती हैं क्योंकि कोई रसोईयां या कर्मचारी हैं ही नहीं. स्कूल में पहली से पांचवी तक की कक्षा में केवल एक टीचर हैं. बच्चों के लिए स्कूल में पानी तक की व्यवस्था ठीक नहीं है. गर्मी में बच्चे परेशान रहे हैं. स्कूल मैं पढ़ने वाली लड़कियां बताती है की शौच करने में काफी दिक्कत होती है. क्योंकि शौचालय अच्छी कंडीशन में नहीं है. वही पढ़ने के लिए उन्हें क्लासरूम में फैले गंदगी के बीच टूटी फूटी दरी पर ही बैठना पड़ता है. साफ सफाई भी अच्छे से नहीं होती है.

शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई

स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने वाले इन बच्चों के माता-पिता ने बताया कि कई बार हमने इसकी शिकायत की हुई है लेकिन व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. अभी आने वाले दिनों में होने वाली बारिश से स्कूल परिसर पानी में डूब जाएगा इसके बाद बच्चों की परेशानी और बढ़ जाएगी. पूरे मामले को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि इसकी कई बार शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से कर चुके हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. प्रिंसिपल ने बताया कि 4:30 सौ बच्चे हमारे स्कूल में है और 24 शिक्षकों का पद हैं स्कूल संचालित करने के लिए है लेकिन सिर्फ नौ शिक्षक ही अभी फिलहाल नियुक्त है. मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने कहा कि आपके माध्यम से यह जानकारी हुई है. इसकी जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 26 जून से स्कूल खोले गए हैं. 26 जून को प्रदेश भर में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया जिसमें बच्चों का स्वागत सत्कार कल स्कूल में प्रवेश कराया गया, लेकिन राजधानी रायपुर के स्कूल का यह नजारा शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दे रही है. जिम्मेदारों को तत्काल इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

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