Chhattisgarh: ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर टीएस सिंहदेव बोले- संविधान के तहत यह संभव नहीं, BJP ने किया पलटवार

Chhattisgarh News: ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. बता दें कि इस पर कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है. इसे लेकर बीजेपी-कांग्रेस में सियासत शुरू हो चुकी है. वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश के नेता भी जमकर बयानबाजी कर रहे है. 
Chhattisgarh News

बृजमोहन अग्रवाल और टीएस सिंहदेव

Chhattisgarh News: ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. बता दें कि इस पर कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है. इसे लेकर बीजेपी-कांग्रेस में सियासत शुरू हो चुकी है. वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश के नेता भी जमकर बयानबाजी कर रहे है.

इससे देश का विकास तेजी से होगा – सांसद बृजमोहन अग्रवाल

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को लेकर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इससे देश का विकास तेजी से होगा. देश में एक साथ चुनाव हो सकेंगे. आचार संहिता के कारण विकास के कार्य रुकते हैं. कांग्रेस पिछले 77 सालों में देश का विकास नहीं चाहती थी. एक देश एक चुनाव का मसाला लंबे समय से टलता रहा है. मोदी जी का यह निर्णय स्वागत योग्य है.

ये भी पढ़ें- शराब पीने से मना करने वाले युवक पर दो लोगों ने ब्लेड से किया हमला, पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर निकाला जुलूस

संविधान के तहत यह संभव नहीं – टीएस सिंहदेव

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बयान आज के समय और संविधान के अंतर्गत यह संभव नहीं है. उन्होंने कहा – मान लीजिए, जनवरी 2025 से वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो गया है, अब पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के एक साथ चुनाव होंगे. किसी राज्य या केंद्र की सरकार दो साल बाद गिर जाती है. यह सरकार पांच साल तक के लिए चुनी जाती है, यानि उसका अगला चुनाव 2032 में आएगा बाकी जगहों पर चुनाव 2030 में होंगे. इस स्थिति में वन नेशन वन इलेक्शन का क्या होगा? यह संभव ही नहीं है. संविधान के उन प्रावधान का क्या होगा. जिसमें कहा गया है ऐसी खाली जगह जो 6 महीने तक खाली रही हैं वहां पर चुनाव कराना अनिवार्य है. इस प्रावधान में भी फिर संशोधन करना पड़ेगा.

ज़रूर पढ़ें