बच्चों को बांटी चॉकलेट-इमली पेड़ के नीचे लगाई चौपाल, देखिए CM विष्णु देव साय का अलग अंदाज
दंतेवाड़ा दौरे पर CM विष्णु देव साय
CM Vishnu Deo Sai: छत्तीसगढ़ के CM विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) का एक बार फिर अलग अंदाज देखने को मिला है. 15 मई को CM साय सुशासन तिहार अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले के दौरे पर पहुंचे. यहां मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचकर बच्चों से बात की और चॉकलेट भी बांटी. इतना ही नहीं इमली के पेड़ के नीचे चौपाल भी लगाई. लोगों से बातचीत कर योजनाओं का फीडबैक भी लिया. इस दौरान ग्रामीणों ने महुआ और आम पत्ता की माला पहनाकर CM साय का स्वागत किया.
दंतेवाड़ा पहुंचे CM विष्णु देव साय
CM विष्णु देव साय सुशासन तिहार अभियान के तहत दंतेवाड़ा के अंतिम छोर पर बसे गांव ‘मुलेर’ पहुंचे. 15 मई को मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर मुलेर में उतरा. CM साय ने यहां पहुंचकर लोगों से मुलाकात की और बातचीत की.
बच्चों को बांटी चॉकलेट
CM विष्णु देव साय सबसे पहले आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे. यहां उन्होंने बच्चों से मुलाकात की. उनके साथ खेले और बातचीत की. इसके बाद बच्चों को चॉकलेट भी बांटी.
इमली के पेड़ के नीचे चौपाल
CM विष्णु देव साय ने मुलेर गांव में इमली के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई. जब CM साय ग्रामीणों से बातचीत करने के चौपाल स्थल पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने महुआ और आमपत्ती से बने हार और गौर मुकुट से उनका स्वागत किया. इस दौर CM साय ने ग्रामीणों से बातचीत करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और सरकारी योजनाओं को लेकर फीडबैक भी लिया.
CM साय ने की बड़ी घोषणा
- दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत मूलेर में माता मंदिर अंदल कोसम को बनाने के लिए चारा लाख की राशि स्वीकृत
- उप स्वास्थ्य केन्द्र बनाने, नाहाडी तक जाने के लिए सड़क निर्माण की स्वीकृति
- पुलिया निर्माण और सीसी सड़क के लिए 5 लाख की स्वीकृति
- शिविर लगाकर वनाधिकार मान्यता पत्र, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने की कार्रवाई करने के निर्देश
गलगलम पहुंचे CM साय
दंतेवाड़ा दौरे के बाद CM विष्णु देव साय बीजापुर दौरे पर पहुंचे. यहां गलगम हैलीपैड पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के अधिकारियों ने CM साय का स्वागत किया. गलगम में CM साय फोर्स के जवानों से सीधी बात कर रहे हैं. जवानों ने कैंप में सामने आने वाली समस्याओं और अपने अभियान के बारे में जानकारी दी. इस मौके पर DRG के जवान अर्जुन तेलंग ने भी अपने अनुभव साझा किए.