भारत में डिजिटल क्रांति की ओर बड़ा कदम, CM साय ने किया पहले AI डेटा सेंटर का भूमिपूजन, जानें क्या होगा फायदा
CM साय ने किया AI डाटा सेंटर का भूमिपूजन
CM Vishnu Deo Sai: भारत में जल्द ही डिजिटल क्रांति आने वाली है और इसका हब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित नया रायपुर होगा. CM विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने 3 मई को देश के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा सेंटर पार्क की नींव रखी. 13.5 एकड़ क्षेत्र में विकसित होने वाले इस पार्क से भविष्य में न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश की विकास की गति और तेज होगी. साथ ही युवा साथियों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुलेंगे.
पहले AI डाटा सेंटर पार्क का भूमिपूजन
CM विष्णु देव साय ने नया रापुयर के सेक्टर-22 में देश के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डेटा सेंटर पार्क का भूमिपूजन किया. इस मौके पर उनके साथ कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी, लखनलाल देवांगन और CSIDC के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल भी मौजूद रहे.
कैसा होगा देश का पहले AI डाटा सेंटर
वा रायपुर के सेक्टर-22 में बनने वाला देश का पहला AI सेंटर पार्क 13.5 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है, जिसमें 2.7 हेक्टेयर हिस्सा विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के रूप में विकसित होगा. रैक बैंक डेटा सेंटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित यह परियोजना पूरी तरह AI सेवाओं को समर्पित होगी.
पहले चरण में 80 मेगावाट की पॉवर क्षमता होगी, जिसे चौथे चरण में 160 मेगावाट तक बढ़ाया जा सकेगा. भविष्य में इस परियोजना में लगभग 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश संभावित है. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस डेटा सेंटर को हरित और ऊर्जा दक्ष तकनीक के अनुरूप डिजाइन किया गया है.
प्रदेश बनेगा टेक्नोलॉजी और नवाचार का अग्रणी केंद्र
इस मौके पर CM विष्णु देव साय ने कहा-‘इस अत्याधुनिक पार्क की स्थापना से प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने नवीन औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की है, जिसका परिणाम यह है कि अब तक ₹4.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और नए उद्योगों की स्थापना भी तेज़ी से हो रही हैं. AI डाटा सेंटर से प्रदेश टेक्नोलॉजी और नवाचार का अग्रणी केंद्र बनेगा.’
जानें क्या है AI डाटा पार्क की खासियत
- नवा रायपुर के सेक्टर 22 में किया जा रहा स्थापित
- पहले चरण में विकसित होगा 80 मेगावॉट क्षमता का पार्क
- केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण मानकों का होगा पालन
- सौर ऊर्जा पर आधारित होगा पहला चरण
- 160 मेगावाट तक विस्तार की जा सकेगी क्षमता
- करीब 1000 करोड़ रुपये का होगा निवेश
- 500 से अधिक लोगों कों मिलेगा रोजगार
- औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत एंकर यूनिट के रूप में होगी विकसित
- IT, ITIS और डेटा सेवाओं से जुड़े नए इको-सिस्टम होंगे विकासित
छत्तीसगढ़ के लिए क्या बदलेगा?
- रोजगार की नई राहें- यह डाटा सेंटर पार्क आईटी, डाटा एनालिटिक्स, और तकनीकी रखरखाव जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा करेगा. छत्तीसगढ़ के युवा अब दिल्ली-मुंबई जाए बिना अपने घर पर ही तकनीकी करियर बना सकेंगे.
- किसानों की मदद- AI तकनीक से किसानों को स्मार्ट खेती, मौसम की सटीक जानकारी, और फसल प्रबंधन में मदद मिलेगी. इससे उनकी मेहनत का ज्यादा फल मिलेगा.
- आदिवासियों को डिजिटल ताकत- दूरदराज के आदिवासी इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और सरकारी सेवाएं डिजिटल रूप से आसानी से पहुंचेंगी.
- आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़- यह पार्क राष्ट्रीय और वैश्विक डाटा ट्रैफिक को संभालेगा, जिससे सरकारी सेवाएं तेज होंगी और राज्य डिजिटल रूप से आत्मनिर्भर बनेगा.
AI सेंटर पार्क से न केवल स्टोरेज और प्रोसेसिंग की सुविधा उपलब्ध होगी, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), हेल्थटेक, डिफेंस, फिनटेक और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक सेवाएं भी दी जाएंगी. पार्क में GPU आधारित हाई-एंड कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रिकॉर्डिंग, लाइव डेटा स्ट्रीमिंग, और AI प्रॉसेसिंग जैसी विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी.
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