Chhattisgarh News: पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई की कंपनी का 240 करोड़ का ठेका निरस्त, मनमाने तरीके से दिया गया था टेंडर!
Chhattisgarh News: भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी का असर अब छत्तीसगढ़ में दिखने लगा है. पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई मोहम्मद असगर की रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के 240 करोड़ के ठेके निरस्त कर दिए गए हैं. यह कंपनी स्मार्ट सिटी में करीब 600 करोड़ का काम कर रही थी. प्रदेश में विष्णुदेव सरकार के आने के बाद कंपनी के कामों की जांच की गई, जिसमें अनियमितता पाई गई. इसके बाद इन ठेकों को निरस्त कर दिया गया है. कांग्रेस सरकार में रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को 120 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका था, लेकिन अब बाकी के कामों पर साय सरकार ने रोक लगा दी है.
240 करोड़ रूपए का ठेका निरस्त
नया रायपुर विकास प्राधिकरण(NRDA) के सीईओ सौरभ कुमार ने बताया कि नया रायपुर में 240 करोड़ की लागत से 10 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. इसमें 9 प्रोजेक्ट रायपुर कंस्ट्रक्शन और एक प्रोजेक्ट कल्याण कंस्ट्रक्शन के पास था. इसमें 45 करोड़ की लागत से 36 किलोमीटर का साइकिल ट्रैक बनाना था. ठेका एजेंसी को जून तक इस काम को पूरा करना है, लेकिन अब तक सिर्फ 10 किलोमीटर का ही साइकिल ट्रैक बन पाया है. इसके साथ ही नया रायपुर के सेक्टर 12, 15 और 16 में सड़क निर्माण करना था, लेकिन एजेंसी ने गुणोत्तर पूर्ण कार्य नहीं किया. इसके बाद एजेंसी को पांच बार नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन इसके बावजूद एजेंसी ने काम नहीं किया इसलिए अब ठेके को निरस्त कर दिया गया है.
200 करोड़ का अतिरिक्त काम कर रही पूर्व मंत्री के भाई की कंपनी
बताया जा रहा है कि NRDA के अंतर्गत पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई की कंपनी रायपुर कंस्ट्रक्शन काम कर रही है. प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नया रायपुर और स्मार्ट सिटी के करीब 1000 करोड़ रुपए के टेंडर को पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई की कंपनी को दिया गया था. आरोप है कि, कांग्रेस सरकार में अकबर के पास आवास एवं पर्यावरण विभाग था, जिसका लाभ लेते हुए उनके भाई की कंपनी को मनमानी तरीके से टेंडर दे दिया गया था.
स्मार्ट सिटी के 54 में सिर्फ 9 काम पूरे
स्मार्ट सिटी का 850 करोड़ की लागत से 54 प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ में चल रहा है. इसमें अब तक स्मार्ट सिटी ने 360 करोड़ रुपए तो खर्च कर दिए, लेकिन अब तक सिर्फ 9 प्रोजेक्ट ही पूरे हो पाए हैं. केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देश की मानें तो इन सभी प्रोजेक्ट को जून 2024 तक पूरा करना है. 40 करोड़ की लागत से पार्किंग का निर्माण किया जाना था. लेकिन अब तक सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है. इसके अलावा दिसंबर 2022 तक पूरा होने वाले क्लब हाउस का सिर्फ 5% ही काम हुआ है. जबकि मंत्रालय के सौंदर्यीकरण और तालाब निर्माण का काम शुरू ही नहीं हो पाया है.
जून 2024 तक कैसे पूरा होगा कम
स्मार्ट सिटी ने सभी प्रोजेक्ट को जून 2024 तक पूरा करने का समय निर्धारित किया है. जनवरी में ठेका कंपनी के टेंडर निरस्त होने के बाद नए सिरे से टेंडर किया जाएगा. नया रायपुर विकास प्राधिकरण के आला अधिकारियों की मानें तो इन सब प्रक्रियाओं में करीब 1 महीने का समय लग सकता है. अब सवाल ये उठ रहा है कि जून 2024 तक इन प्रोजेक्टों को कैसे पूरा किया जाएगा.