‘कांग्रेस ने नक्सलियों को 5 साल पाला’, कवासी लखमा के बयान पर डिप्टी सीएम अरुण साव का पलटवार
Chhattisgarh News: बीजापुर के पीडिया में हुई नक्सली मुठभेड़ को कवासी लखमा ने फर्जी बताया है, जिसपर बालोद पहुंचे उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने नक्सली को 5 साल पाला है. बस्तर के लोगों के साथ अन्याय किया, अब बस्तर के लोगों के साथ न्याय हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि बस्तर में शांतिबहाली होगी, बस्तर विकास की ओर बढ़ेगा. कांग्रेस कभी नही चाहती है कि बस्तर के विकास हो, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा और अच्छी शिक्षा मिले.
डिप्टी सीएम अरुण साव ने आगे कहा कि जब भी ऐसे सेना या सुरक्षाबल उपलब्धियां हासिल करती है तो उसपर प्रश्नचिन्ह उठाने का काम ये कांग्रेस के लोग लगातार करते रहे है. वहीं नारायणपुर में कांग्रेसी नेता की हुई हत्या पर अरुण साव ने मामले में कड़ाई से जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है. बता दें कि डिप्टी सीएम अरुण साव आज अपने एकदिवसीय दौरे पर बालोद जिले के गुंडरदेही मुख्यालय में सेन समाज द्वारा आयोजित जिला स्तरीय सेन जयंती समारोह में शामिल हुए. जहां उन्होंने समाज के प्रतिभावान बच्चों का सम्मान किया.म
नक्सली मुठभेड को कवासी लखमा ने बताया था फर्जी
बीजापुर जिले के पीडिया के जंगलों में बीते 10 मई को हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों के बाद बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने भी फर्जी बताया था. इसके साथ ही लखमा ने इस मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग छत्तीसगढ़ सरकार से की थी. कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद नक्सलियों के एनकाउंटर के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पीडिया के जंगल में भी निर्दोष आदिवासियों को जवानों ने नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लोगों काफी आक्रोश है. कवासी लखमा ने कहा कि मुठभेड़ की सच्चाई जानने के लिए सर्व आदिवासी समाज पीडिया गांव पहुंचकर इस मामले की जांच करेगा.
‘आदिवासी मुख्यमंत्री होते हुए भी सुरक्षित नहीं आदिवासी’
कवासी लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी बस्तर में आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं. भोले-भाले आदिवासियों को या तो नक्सली बताकर जेल में ठूंसा जा रहा है, या फिर इनामी नक्सली बताकर एनकाउंटर में मार गिराया जा रहा है. जिससे आदिवासी समाज में काफी रोष है. कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद बस्तर संभाग के सभी एसपी और प्रशासन के अधिकारियों का रंग बदल चुका है. कांग्रेस भी चाहती है कि बस्तर में शांति हो, बस्तर नक्सलवाद मुक्त हो, लेकिन ऐसे कैसे मुक्त होंगे? नक्सलियों की जगह आदिवासी मुक्त हो जाएंगे.