छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बुरी तरह फंसे पूर्व मंत्री कवासी लखमा, EOW ने पेश किया 1200 पन्नों का पूरक चालान

CG News: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बुरी तरह फंस गए हैं. उनके खिलाफ EOW ने कोर्ट में 1100 पन्नों का पूरक चालान और 66 पेज की समरी पेश की है.
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करीब 1200 पन्नों का चालान

CG News: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में एक और बड़ा मोड़ सामने आया है. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले में राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की भूमिका को लेकर बड़ा खुलासा किया है. 30 जून को रायपुर स्थित विशेष न्यायालय में चौथा पूरक चालान पेश किया गया, जिसकी फाइल लगभग 1200 पन्नों की है. इसमें 1100 पन्नों का पूरक चालान और 66 पेज की समरी शामिल है. इस दस्तावेज में कवासी लखमा पर घोटाले से मिली अवैध कमाई को अपने पद का दुरुपयोग कर निजी निवेश में लगाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

2019 से 2023 तक की अवैध गतिविधियों का लेखा-जोखा

EOW की विस्तृत जांच के अनुसार, जब कवासी लखमा साल 2019 से 2023 तक छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री के पद पर थे तब उन्होंने विभागीय अधिकारों और पद की शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए शराब व्यापारियों और ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर मोटी रकम अर्जित की. यह पूरा नेटवर्क सत्ताधारी तंत्र की आड़ में संचालित होता रहा और इसके माध्यम से करोड़ों का अवैध कारोबार राज्यभर में चलता रहा.

64 करोड़ की अवैध कमाई और 18 करोड़ का इन्वेस्टमेंट ट्रेस

जांच एजेंसी EOW द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस नोट के मुताबिक कवासी लखमा के हिस्से 64 करोड़ रुपए की अवैध आय आई है, जो विभिन्न माध्यमों से शराब घोटाले से प्राप्त हुई. इन पैसों में से 18 करोड़ रुपए की रकम को अलग-अलग माध्यमों में निवेश और खर्च किया गया, जिसके दस्तावेजी सबूत EOW के पास मौजूद हैं. इनमें बैंकों के ट्रांजैक्शन, रजिस्ट्री दस्तावेज और संपत्ति खरीद की रसीदें भी शामिल हैं.

अब तक 4 चालान और 13 गिरफ्तारियां हो चुकीं

यह मामला धीरे-धीरे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर चुका है। EOW अब तक इस घोटाले में एक मुख्य चार्जशीट और तीन पूरक चालान अदालत में दाखिल कर चुका है। पूरे मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें शराब कारोबारी, विभागीय अधिकारी और कुछ ठेकेदार शामिल हैं. हर नई चार्जशीट के साथ घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं और EOW के अनुसार जांच अब भी जारी है.

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राजनीतिक गलियारों में हड़कंप, जांच में और नाम आ सकते हैं सामने

यह घोटाला पहले ही राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ था और अब जब एक पूर्व आबकारी मंत्री के खिलाफ इतने पुख्ता दस्तावेज अदालत में पेश हो चुके हैं, तो यह साफ है कि घोटाले की जड़ें काफी गहरी और संगठित थीं. माना जा रहा है कि EOW आने वाले समय में और भी कुछ प्रभावशाली नामों का खुलासा कर सकती है.

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