Chhattisgarh की पहली अग्निवीर बनी फ़ामेश्वरी, लोगों के सुने ताने, घर के काम के साथ की पढ़ाई

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की रहने वाली फामेश्वरी यादव ने प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर बनकर इतिहास रचा है. फामेश्वरी यादव फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी की रहने वाली है. जिसने अग्निवीर बनकर पूरे गांव का नाम रौशन कर दिया है.
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फामेश्वरी यादव और उसका परिवार

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की रहने वाली फामेश्वरी यादव ने प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर बनकर इतिहास रचा है. फामेश्वरी यादव फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी की रहने वाली है. जिसने अग्निवीर बनकर पूरे गांव का नाम रौशन कर दिया है.

फ़ामेश्वरी ने अग्निवीर बनकर रचा इतिहास

गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी में रहने वाले मजदूर हीरालाल की बेटी फ़ामेश्वरी यादव न केवल गरियाबंद का गौरव बनी बल्कि प्रदेश में इतिहास रच दिया. हीरालाल के दो बेटे भी है, बेटी सबसे छोटी है, राजीव लोचन कॉलेज में BSC सेकेंड ईयर की छात्रा है. उसने NCC ज्वाइन किया हुआ है. बुआ के बेटे और गांव में एक युवक अग्निवीर में भर्ती हुए है. वर्दी देखकर कर जुनून उठा और बेटी ने अग्निवीर बनने की ठान लिया.

मजदूर पिता ने कराई तैयारी

फ़ामेश्वरी के मजदूर पिता के पास इतना पैसे भी नहीं थे कि उसे कोचिंग करा सके. लिहाजा मजदूरी जाने से पहले बेटी को दौड़ना और फिजिकल एक्टिविटी खुद कराया. अग्निवीर में जाने की ठान लिया तो गांव पड़ोस के लोग माता खेमीन बाई को उलहाना दिया करते थे. मां भी बेटी के मर्जी और जिद के साथ थी. कहने वाले की परवाह किए बगैर बेटी का पूरा परिवार ने साथ दिया. सफल होकर जब घर लौटी तो पूरा परिवार बहादुर बेटी का आरती उतार कर स्वागत किया. सपनो को साकार होता देख बेटी भी खुश है.

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