SECL में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा, जिंदा लोगों को ‘मृत’ बताकर दूसरे कर रहे जॉब, पीड़ित और उनके परिवार सड़क पर

खदानों में काम कर रहे कर्मचारियों के संघ के अलावा दूसरे लोग भी यहां की गलत नीतियों का विरोध कर रहे हैं. यही कारण है कि आए दिन सड़क जाम और मुख्यालय के सामने कर्मचारी और उनके परिजनों का प्रदर्शन जारी है.
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SECL: साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड यानी SECL में नौकरी के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. शुक्रवार को बड़ी संख्या में कुष्मांडा गेवरा और अन्य खदानों के वे लोग यहां पहुंच गए जिनकी जमीन कोल खदानों के अधिग्रहण दूसरे काम के लिए SECL ने ली है और उन्हें नौकरी नहीं मिली है और यही कारण है कि वह बड़ी संख्या में पहुंचकर बिलासपुर मुख्यालय में प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके और उनके पिता को SECL प्रबंधन ने कागजों में मृत बता दिया है और उनकी जगह किसी और को नौकरी दे दी गई है. यही कारण है कि वह पिछले कई सालों से हड़ताल और विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं लेकिन नौकरी नहीं मिली है. आलम यह है कि हड़ताल करते-करते किसी की आंख नहीं रही तो किसी के पैर हादसे में चले गए. फिर भी उनका संघर्ष जारी है और नौकरी के नाम पर उन्हें प्रबंधन और SECL के अधिकारी सालों से घूम रहे हैं.

मुख्यालय के सामने हर हफ्ते प्रदर्शन

SECL मुख्यालय के सामने हर हफ्ते कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. कभी दीपावली से पहले बोनस के नाम पर कभी कर्मचारी खदानों में सुरक्षा की मांग पर तो कभी मेडिकल फैसिलिटी के अलावा महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार सड़क पर आ रहे हैं. खदानों में काम कर रहे कर्मचारियों के संघ के अलावा दूसरे लोग भी यहां की गलत नीतियों का विरोध कर रहे हैं. यही कारण है कि आए दिन सड़क जाम और मुख्यालय के सामने कर्मचारी और उनके परिजनों का प्रदर्शन जारी है.

दूध मुहे बच्चे और छोटी बच्चियों भी सड़क पर

सबसे बड़ी बात यह है कि खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चे और महिलाएं भी यहां सड़क पर धरना देने में जुटी हैं. यह संघर्ष पिछले 10, 15 साल से चल रहा है जिन्हें अपनी जमीन जाने का अफसोस है और नौकरी नहीं मिलने की पीड़ा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है.

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SECL में मुख्यालय के सामने लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन और नौकरी के नाम पर हुए फर्जीवाड़े को लेकर SECL के पब्लिक रिलेशन अधिकारी सनीस चंद्रा का कहना है कि उनकी कंपनी एक सरकारी उपक्रम है जो लोगों के और कर्मचारियों के हित के लिए काम कर रही है और वह इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीर हैं. समय-समय पर इस पूरे मामले की जांच हो रही है और जो भी वाजिब है उसे पर कंपनी कम कर रही है. उनके मुताबिक इस पूरे मामले पर टीम का गठन किया गया है और कहां गड़बड़ी है हुई इसकी भी जांच जारी है. उन्होंने पीड़ित परिवारों की समस्या सुनने की बात कही है.

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