Bharat Bandh: 16 फरवरी को किसानों ने किया भारत बंद का ऐलान, छत्तीसगढ़ में होगा बंद का असर? जानिए

Bharat Bandh: सुशील आनंद शुक्ला ने कहा किसानों ने जो भारत बंद का आह्वान किया हैं उससे कांग्रेस पूरी तरह से सहमत हैं.
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प्रदर्शनकारी किसान

Bharat Bandh: देश के किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है. MSP पर कानूनी गारंटी और अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. इसका असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. भारत बंद का छत्तीसगढ़ के किसानों ने समर्थन किया, इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने भी बंद का समर्थन दिया है.

16 फरवरी को कांग्रेस बंद कराएगी प्रदेश

दरअसल 16 फरवरी को कांग्रेस के पदाधिकारी शांतिपूर्ण बंद कराएंगे. इसके लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने सभी जिला और शहर अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं. कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि किसानों ने जो भारत बंद का आह्वान किया हैं उससे कांग्रेस पूरी तरह से सहमत हैं. कांग्रेस ने एमएसपी देने की घोषणा की है.

भारत बंद को छत्तीसगढ़ के किसानों किया समर्थन 

वहीं छत्तीसगढ़ के किसानों को देश में सबसे ज्यादा धान की कीमत मिल रही है, इसके बाद भी छत्तसीगढ़ के किसानों ने भारत बंद का समर्थन किया है. किसान नेता पारसनाथ साहू ने बताया 16 तारीख को किसानों के द्वारा बुलाए गए भारत बंद को छत्तीसगढ़ के किसान भी पूरी तरीके से समर्थन करते हैं. किसानों को इस तरीके का आंदोलन क्यों करना पड़ रहा है ? सरकार को सोचना चाहिए.

अलग-अलग राज्यों के किसानों ने कृषि मंत्री से मुलाकात कर मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा था. दिल्ली का आंदोलन सिर्फ पंजाब और हरियाणा का नहीं है, पूरे देश के किसानों का आंदोलन है. छत्तीसगढ़ के किसान भी इस आंदोलन का समर्थन करते हैं. किसानों की मांगों को तत्काल मान लिया जाए. किसानों के ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े जाएंगे तो हम देश के किसान चुप नहीं बैठेंगे.

इन मांगों को लेकर है किसानों का प्रदर्शन

आपको बता दें कि किसानों की मांग है कि एमएसपी पर किसानों की फसल खरीदी जाए और किसानों का कर्ज भी माफ किया जाए. लैंड एक्विजिशन एक्ट ऑफ 2013-अगर जमीन बेची जाती है तो कलेक्टर का जो रेट रहता है, इससे चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाए. 2021 में लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने वाले आरोपियों को सजा दी जाए. वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से भारत निकल जाए और जितने भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए हैं, उनको रोक दिया जाए. 58 वर्ष के अधिक उम्र के किसानों को सरकार पेंशन तय करें. सरकार बीज क्वालिटी को बेहतर करें.

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इसके अलावा, दिल्ली में हुए आंदोलन के दौरान मृत किसानों को मुआवजा इसके अलावा उनके परिवार में से किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 को खत्म किया जाए. नरेगा के तहत 1 साल के अंदर 100 दिनों की अपॉइंटमेंट गारंटी को 200 दिन किया जाए और एक दिन की मजदूरी को ₹700 किया जाए. इसके साथ ही इस स्कीम को किसान से जोड़ा जाए.नकली बीज, पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर उनके ऊपर जुर्माना लगाया जाए. इसके अलावा मिर्च और हल्दी के लिए नेशनल कमीशन बनाया जाए. किसानों के लिए पानी, वन और जमीन को लेकर उनका हक, उनको मिलता रहे.

इन फसलों की होती हैं एमएसपी पर खरीदी

गौरतलब है कि 14 खरीफ और 10 रवि फसलों की एमएसपी में खरीदी होती है. खरीफ फसलों की बात की जाए तो इनमें धान, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन, तिल, नाइजरसीड (रामतिल) और कपास है. इसके अलावा 10 रवि फसलों की बात करे तो इसमें गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों, कुसुम, टोरिया और अन्य फसलें, कोपरा, भूसी रहित नारियल और जूट हैं.

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