Chhattisgarh: CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी सहित अन्य अधिकारियों पर FIR दर्ज, PSC परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार की होगी जांच
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार ने CGPSC की परीक्षाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया है. PSC परीक्षा मामले की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से कराये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के बाद लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ EOW में FIR दर्ज कर ली गई है. बता दें कि प्रदेश के छात्रों ने PSC एग्जाम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था. जिसके बाद सरकार ने अब परीक्षा में हुए गड़बड़ी की जांच करने का फैसला लिया है.
छात्रों ने मुख्यमंत्री से लगाई थी गुहार
राज्य सरकार द्वारा CGPSC की परीक्षाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार की केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से जांच कराये जाने का निर्णय लिया गया था. इस बात की जानकारी अब गृह विभाग द्वारा महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर को दे दी गई है. छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी और इसके रिजल्ट 11 मई 2021 को जारी किए गये थे. एग्जाम के परिणाम आने के बाद छात्रों ने राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. छात्रों ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर कर परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की थी.
CGPSC के तत्कालीन अध्यक्ष पर आरोप
CGPSC एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर छात्रों के शिकायत के आधार पर प्रथम दृष्टया में यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक और आयोग में उस वक़्त पदस्थ संलिप्त अधिकारी और संबंधित राजनेताओं ने अपने-अपने पद का दुरुपयोग किया. साथ ही नेताओं ने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 और 2021 असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से आपराधिक षड़यंत्र करते हुये अपने पुत्र, पुत्री व रिश्तेदारों को नौकरी दिलवाई. इन लोगों ने पद का दुरूपयोग करते हुए परीक्षा में शामिल अभ्यार्थियों के बदले अपने रिश्तेदारों को सरकारी पॉवर से परीक्षा में चयन करवाया है.
PSC घोटाला चुनाव में बना था बड़ा मुद्दा
बता दें कि छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मोदी की गारंटी में PSC एग्जाम में हुए घोटाले की जांच करने का वादा किया था. विधानसभा चुनाव के दौरान CGPSC परीक्षा में हुए अनियमितता और भ्रष्टाचार का मुद्दा तुल पकड़ा था, इससे पार्टी को सरकार बनाने में युवाओं से समर्थन भी मिला. छात्रों का कहना था कि एग्जाम में गड़बड़ी होने के कारण पात्र छात्र नौकरी से वंचित रह जाते हैं, इससे एग्जाम की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में काफी निराशा होती है. छात्रों ने PSC परीक्षा में हुए गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की थी.