Chhattisgarh: ‘विधानसभा में यह मुद्दा उठाएंगे’, बलौदाबाजार हिंसा को लेकर बोले पूर्व CM भूपेश बघेल

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने आगे कहा कि जो भी अपराधी हैं वह पकड़े जाएं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. जिस प्रकार से सरकार षड्यंत्र कर रही है. यह बेहद गंभीर मामला है.
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भूपेश बघेल (पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़)

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुई हिंसा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए इस मुद्दे को विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे. पूर्व सीएम ने आगे कहा कि इस घटना की जांच के लिए विधायक दल की कमेटी बननी चाहिए. वहीं राज्य की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा और पुलिस के लोग यह सब कर रहे है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने आगे कहा कि जो भी अपराधी हैं वह पकड़े जाएं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. जिस प्रकार से सरकार षड्यंत्र कर रही है. यह बेहद गंभीर मामला है. इस हादसे को दूसरे दिशा में ले जाया जा रहा है. मैं शुरू से कह रहा हूं कि शासन-प्रशासन की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी घटना हो ही नहीं सकती.

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“घटिया राजनीति बंद करें गृहमंत्री”

बलौदाबाजार हिंसा का जिक्र करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शी ने बताया है कि सतनाम भवन के गाड़ियों को पुलिस वाले खुद जलाएं हैं. जो नीरअपराध है उसकी गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए. मुख्य अपराधकर्ता सनम जांगड़े हैं. बहुत से भाजपा के लोग आयोजन में थे. भाजपा के इशारे पर पुलिस काम कर रही है. वहीं राज्य के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा को लेकर उन्होंने काह कि वे घटिया राजनीति करना बंद करें. अगर जानकारी है तो छुपा क्यों रहे हैं?

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि भाजपा और RSS मिलकर षड़यंत्र करने का काम कर रहे हैं. रायपुर ग्रामीण के विधायक का भतीजे को रास्ते में रोककर पीटे हैं. आयोजनकर्ता कौन था शासकीय कर्मचारी. शासन स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. उन्होंने सवाल किया कि कलेक्ट्रेट में इतने पत्थर कहां से आ गए?

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि बलौदाबाजार के गिरोदपुरी के महकोनी गांव में 15-16 मई को जैतखाम में तोड़फोड़ किया गया था. जिसके विरोध में 10 जून को प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान कुछ असामाजिक तत्व ने प्रदर्शन को हिंसा के रूप में बदल दिया. पुलिस का आतंक उसी समय से शुरू हो गया. जो वास्तविकता दिया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जो निर्दोष है उनको प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. भोजन की व्यवस्था शासकीय तौर पर किया गया था.

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