Jashpur: 2 साल से किचन में पढ़ने को मजबूर बच्चे, सीएम से लगा चुके हैं नए भवन के लिए गुहार
स्कूल के बच्चे
– कुंदन राजपूत
Jashpur: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखण्ड में एक स्कूल ऐसा है. जहां छात्र छात्राएं स्कूल भवन के अभाव में रसोई घर में बैठकर पढ़ाई करते हैं, और यह सिलसिला पिछले 2 वर्षों से चल रहा है. इस दौरान स्कूल की न तो मरम्मत की गई और न ही नए स्कूल भवन का निर्माण किया गया. यही कारण है कि स्कूली बच्चे ठण्ड हो या बरसात, धूप हो या गर्मी, रसोई घर में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
2 साल से किचन में पढ़ने को मजबूर बच्चे
दरअसल यह पूरा मामला पत्थलगांव विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खरकट्टा का है. जहां के पंडरीपानी मोहल्ले में संचालित शासकीय प्राथमिक विद्यायल भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, और भवन का छत टूट-टूटकर गिरने लगा है, कई बार स्कूली बच्चे और शिक्षकों के ऊपर छत का प्लास्टर टूटकर गिरा है. जिससे उन्हें चोट भी लगी है. जिसके बाद शिक्षकों ने गांव में ही किराए का घर लेकर स्कूल संचालित करने का निर्णय लिया. कुछ महीने तक किराए के भवन में स्कूल संचालित करने के बाद मकान मालिक ने स्कूल चलाने के लिए अपना घर देने से मना कर दिया. जिसके बाद शिक्षकों ने स्कूल भवन के बाहर बने रसोई कक्ष की मरम्मत कर उसमें स्कूल संचालित करने का निर्णय लिया। इस दौरान स्कूल भवन के नव निर्माण के लिए भी शिक्षा विभाग को पत्राचार किया गया लेकिन आज पर्यंत तक स्कूली बच्चों को एक अदद स्कूल भवन नहीं मिल पाया.
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सीएम से लगा चुके है नए भवन के लिए गुहार
चूंकि जशपुर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का गृह जिला है. जिसके कारण गांव के लोगों, स्कूली छात्र छात्राओं और शिक्षकों ने स्कूल भवन निर्माण के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है. वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी पीके भटनागर ने बताया कि उनके द्वारा खरकट्टा के प्राथमिक विद्यालय के अलावा अन्य स्कूलों के जर्जर होने की जानकारी है, और उन्होंने नए स्कूल भवन निर्माण के लिए शाशन को पत्र लिखा है जैसे ही शासन से नए स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति मिलती है उनके द्वारा स्कूल निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा. फिलहाल जशपुर, मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के कारण यहां के लोगों की उम्मीदें भी उनसे काफी ज्यादा हैं.