Kanker Encounter: कांकेर में लाल आतंक पर बड़ा प्रहार, एनकाउंटर में 29 नक्सली ढेर, छत्तीसगढ़ में अब तक हो चुकी है 3000 से अधिक मुठभेड़

Kanker Encounter: 12 जुलाई 2009 छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में घात लगाकर किए गए नक्सली हमले में पुलिस अधीक्षक वीके चैबे समेत 29 जवान शहीद हुए थे.
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Kanker Encounter: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से छत्तीसगढ़ के कांकेर में सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की है. सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एक बड़ी मुठभेड़ में 29 नकस्ली मारे गए. वहीं इस ऑपरेशन के दौरान तीन सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए हैं. यह 19 अप्रैल को बस्तर में लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हुआ है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर जिले में 60 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं.

बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया, “स्पेशल खुफिया जानकारी के आधार पर बीएसएफ और डीआरजी की टीमों द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया. बीएसएफ ऑप्स पार्टी पर सीपीआई माओवादी कैडरों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसके जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने मुहतोड़ जवाब देते हुए 29 नक्सलियों को मार गिराए. वहीं सुरक्षा बलों ने पूरी इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाना शुरू कर दिया है.

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2009 से 2021 तक छत्तीसगढ़ में बड़े नक्सली हमले

12 जुलाई 2009 छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में घात लगाकर किए गए नक्सली हमले में पुलिस अधीक्षक वीके चैबे समेत 29 जवान शहीद हुए थे. वहीं, 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाड़ा जिले के तालमेटाला में सुरक्षाकर्मियों पर हुआ हमला देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला है, इसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. बस्तर की झीरम घाटी में 25 मई 2013 को बड़ा नक्सली हमला हुआ. इसमें कांग्रेस के 30 नेता और कार्यकर्ताओं की मौत हो गई. इस हमले में मरने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल बस्तर टाइटर के नाम से लोकप्रिय महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार, युवा नेता दिनेश पटेल, योगेंद्र शर्मा जैसे बड़े नेताओं के नाम शामिल है.

खाना खाने बैठे जवानों पर नक्सली हमला

11 मार्च 2014 झीरम घाटी के पास एक इलाके में नक्सलियों ने एक और हमला किया जिसमें 15 जवान शहीद हुए और एक ग्रामीण की भी इसमें मौत हुई थी. वहीं 12 अप्रैल 2014 बीजापुर और दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट में 5 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हुई थी. जिसमें 7 मतदान कर्मी भी शामिल थे. इसके अलावा दिसंबर 2014 में सुकमा जिले के चिंता गुफा इलाके में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने हमला किया इसमें 14 जवान शहीद हुए. 24 अप्रैल 2017 छत्तीसगढ़ के सुकमा में खाना खाने बैठे जवानों पर घात लगाए नकस्लियों ने हमला किया, जिसमें 25 से ज्यादा जवान शहीद हो गए.

तालमेटाला हमले में शहीद हुए 76 जवान

1 मार्च 2017 सुकमा जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला हुआ इसमें 11 जवान शहीद हुए. वहीं 9 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान दंतेवाड़ा जिले में विधायक भीमा मंडावी और उनके 4 सुरक्षाकर्मी की मौत हुई. सुकमा में 22 मार्च 2020 में चिंतागुफा इलाके में नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हुए. 23 मार्च 2021 को नारायणपुर जिले में माओवादियों ने सुरक्षाबल के जवानों की एक बस को विस्फोटक से उड़ा दिया, जिसमें 5 जवान मारे गए. बीजापुर में 3 अप्रैल 2021 को सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए है.

3800 से अधिक नक्सलियों ने किया समर्पण

नक्सल एक्सपर्ट बताते हैं कि सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच पिछले 40 सालों से बस्तर में संघर्ष चल रहा है. राज्य घटन के बाद छत्तीसगढ़ में 3000 हजार से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. गृह विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2001 से मई 2019 तक नक्सली हिंसा में 1002 नक्सलियों की मौत हुई है और 1200 से अधिक जवान शहीद हुए है. इसके अलावा 1700 के आस पास आम नागरिकों की नक्सल अटैक में मौत हुई है. वहीं इस दौरान सरकार को नक्सलियों का नेटवर्क तोड़ने में बड़ी सफलता मिली है. क्योंकि लगातार नक्सली समर्पण कर रहे है. गृह विभाग के आंकड़े के अनुसार 3800 से अधिक नक्सलियों ने समर्पण किया है.

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