5 दिन पहले हो गई थी Mukesh Chandrakar के मर्डर की प्लानिंग, खाली किया अकाउंट! SIT की पहली रिपोर्ट में हुए कई खुलासे

Mukesh Chandrakar Murder Case: बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में SIT की टीम ने अपनी पहली रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में अब तक की एक्टिविटीज के बारे में जानकारी दी गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
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मुकेश चंद्राकर मर्डर केस

Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर (Bijapur) के साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस (Mukesh Chandrakar Murder Case) में SIT की टीम ने पहली रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग 4-5 दिन पहले ही कर ली थी. इसके अलावा 27 दिसंबर को अकाउंट से बड़ी रकम भी निकाली थी. पढ़िए SIT की रिपोर्ट में क्या-क्या जानकारी आई सामने-

5 दिन पहले हो गई थी मर्डर की प्लानिंग

SIT की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने अपने भाईयों के साथ मिलकर 4-5 दिन पहले ही पत्रकार मुकेश चंद्राकर की मर्डर की प्लानिंग कर ली थी. वारदात को अंजाम देने के बाद किसी को भी सुरेश पर शक न हो इसलिए उसने अपने आपको घटना के समय मौके के बाहर रखने का प्लान बनाया.

अकाउंट से निकाली थी बड़ी रकम

SIT की जांच में खुलासा हुआ कि जांच के दौरान बैंको से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वारदात को अंजाम देने से 4 दिन पहले यानी 27 दिसंबर को सुरेश चंद्राकर ने अपने बैंक खाते से दिनांक एक बड़ी रकम निकाली थी. ये रकम कितनी थी उसकी डिटेल अभी आना बाकी है. माना जा रहा है कि यह रकम वारदात को अंजाम देने के बाद भागने के लिए निकाली गई थी.

कैसे आरोपियों तक पहुंची SIT की टीम

SIT ने इस रिपोर्ट में अब तक पूरी एक्टिविटी की जानकारी दी है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट-

1 जनवरी की शाम से गायब थे मुकेश चंद्राकर

2 जनवरी 2025 की शाम 8.10 बजे यूकेश चंद्राकर ने अपने भाई और पत्रकार मुकेश चंद्राकर के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की शाम 8.00-8.30 के बीच से गायब था. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के दौरान ही पुलिस अधीक्षक बीजापुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी डिटेल बताई. इसके बाद तुरंत मुकेश चंद्राक की पतासाजी के लिए सायबर सेल की टीम, अतिरिक्त अधिकारी और जवानों को लगाया गया.

Gmail से मिली लोकेशन

पुलिस टीम ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर के सभी नंबरो की लोकेशन पता लगाने के कोशिश की, लेकिन सभी नंबर बंद आ रहे थे. लास्ट लोकेशन चेक करने पर नंबर अलग-अलग जगह जैसे नूकनपाल, जांगला सेक्टर जो कि भैरमगढ़ की ओर है वहां पाई. ऐसे में पुलिस तुरंत ही बल और कुछ पत्रकारों के साथ उन स्थानों पर सर्चिगं के लिए पहुंची लेकिन कुछ नहीं मिला. इसके बाद मुकेश के भाई यूकेश के द्वारा G-mail पर अपडेट हुए लास्ट लोकेशन को बताया गया जो चट्टानपारा स्थित बाड़े का था.

सुरेश चंद्राकर के बाड़े में पहुंची टीम

Gmail पर पाई गई लास्ट लोकेशन पर जब पुलिस टीम और पत्रकार पहुंचे तो वह आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का बाड़ा निकला. इस बाड़े में कुल 17 लेबर कमरे बने हुए थे. सभी कमरों में ताला लगा हुआ था. ताला खुलवाकर चेक करने के लिए बाड़े के ओनर सुरेश चंद्राकर को फोन करके बाड़े का चाबी लाने के लिए कहा गया, जो उस समय भैरमगढ़ में होने की बात बताया. उसके आने के बाद बाड़े के सभी कमरों को खुलवाकर चेक किया गया. वहां कुछ नहीं मिला.

बाथरूम के रेनोवेशन की बताई बात

बाड़े में बने सेप्टिक टैंक की नई फ्लोरिंग के बारे में जब आरोपी सुरेश चंद्राकर से सवाल किया गया तो उसने वहां बाथरूम के रेनोवेशन का काम जारी होने की बात बताई. पुलिस ने जब आरोपी सुरेश से उसके भाई रितेश के बारे में पूछा तो सुरेश ने कहा कि उसकी दो साल से बातचीत बंद है. उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.

रायपुर से दिल्ली रवाना हुआ रितेश

पुलिस को रात में ही रितेश पर संदेह हुआ. इसके बाद रितेश का पता लगाने के लिए हाईवे में अलग-अलग जगहों पर स्थित टोल प्लाजा में लगे CCTV फुटेज खंगाले गए. 2 जनवरी की सुबह 8.20 बजे कोण्डागांव टोल प्लाजा के CCTV फुटेज में एक छत्तीसगढ़ नेमप्लेट की गाड़ी क्रॉस होती नजर आई. इसका अनुमान रायपुर एयरपोर्ट जाना लगाया गया. इसके बाद रायपुर एयरपोर्ट की पार्किंग के CCTV फुटेज खंगाले गए, जिसमें वही गाड़ी नजर आई. डिटेल निकालने पर पता चला रितेश 2 जनवरी की सुबह रायपुर से दिल्ली रवाना हुआ. उसने ऑनलाइन टिकट बुक की थी. इसके बाद पुलिस का संदेह और गहरा गया.

मुकेश की आखिरी बार रितेश से हुई थी बात

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की कॉल पर आखिरी बार रितेश चंद्राकर से ही कॉल पर बात हुई थी. मुकेश का पता लगाने के लिए एक टेक्नीकल टीम मुकेश के घर के आसपास के 4 CCTV को खंगाल रही थी, जो उसके घर से काफी दूर था. रात होने की वजह से समय और किस वाहन से मुकेश घर से गया यह क्लियर नहीं हो सका. जब टीम ने मुकेश की कॉल डिटेल खंगाली तो मुकेश की आखिरी बार बात रितेश से ही होनी पाई गई. ऐसे में पुलिस का शक और गहरा हो गया. पुलिस रितेश के साथ-साथ और भी लोगों के शामिल होने का पता लगाने लगी.

बीजापुर जिला अस्पाल में था दिनेश

मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में सुरेश और रितेश के बाद दिनेश चंद्राकर का कनेक्शन सामने आया. दोनों के बीच 1 जनवरी की रात बात हुई थी. इसके बाद से उसका फोन ऑफ था. जांच में पता चला कि दिनेश चंद्राकर बीजापुर जिला अस्पताल में है. डॉक्टरों से परमिशन के बाद उसे हिरासत में लिया गया.

दिनेश ने किया मर्डर का खुलासा

पुलिस ने जब दिनेश से पूछताछ शुरू की तो उसने पहले कोई जानकारी नहीं होने की बात कही. जब सख्ती बरती गई तो उसने बताया कि उसके भाई रितेश और महेंद्र रामटेके ने मिलकर मुकेश की रॉड मारकर हत्या कर दी है. उसके बाद दिनेश ने घटना में प्रयुक्त रॉड और कपड़े मोबाइल वगैरह ठिकाने लगाने साथ ही घटनास्थल को साफ करने और टंकी में शव डालकर फ्लोरिंग करने में मदद की.

महेंद्र रामटेके को पुलिस ने पकड़ा

दिनेश से महेंद्र रामटेके की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उसे बस स्टैंड के पास से दबोचा. पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल लिया. इसके बाद पुलिस, FSL और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और सेप्टिक टैंक की खुदाई की. 3 जनवरी की शाम करीब 5 बजे सेप्टिक टैंक का ढक्कन हटाकर वहां पर टॉर्च मारकर देखने पर एक शव मिला, जो पत्रकार मुकेश चंद्राकर का था.

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पुलिस ने इस केस में चार आरोपी रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर, महेंद्र रामटेके और सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया है. सबसे पहले दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को बीजापुर और रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया. साथ ही घटना में प्रयुक्त वाहन, मिक्सर मशीन, भागने में उपयोग में लाए गए वाहन, घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड और अन्य चीजों को बरामद कर लिया है. घटना में प्रयुक्त लोहे की राड व घटना से संबंधित अन्य भौतिक साक्ष्यों को इन्होंने नेलसनार नदी के किनारे जंगल झाड़ी में छुपा रखा था.

मुकेश के 2 मोबाइल नदी में फेंके

आरोपी रितेश, दिनेश और महेंद्र रामटेके ने वारदात को अंजाम देने के बाद पत्रकार मुकेश के दोनों मोबाइल को तुमनार नदी तक चालू हालत में रखा, जिससे पुलिस को जांच पड़ताल में आखिरी लोकेशन तुमनार नदी की ओर दिखायी दे. वहां जाकर पत्थरों से मोबाइल फोन को चकनाचूर किया और नदी में फेंक दिया. दोनों मोबाइल की अब भी तलाश की जा रही है.

हैदराबाद से सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार

पुलिस ने 48 घंटो तक लगातार सर्च ऑपरेशन जारी रखकर 5 जनवरी 2025 की देर रात आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से हिरासत में लिया.

दो बार किया सीन का रीक्रिएशन

जांच के दौरान SIT की टीम ने घटना स्थल का 2 बार आरोपियों से रिक्रिएशन कराया. साथ ही जगदलपुर FSL की टीम ने रूम नंबर 11 और अन्य संबंधित स्थानों का सूक्ष्म निरीक्षण करवाया. जिसमें कुछ महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य पुलिस को मिले हैं.

50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ

SIT की टीम ने इस मामले में अब तक 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है. साथ ही घटनास्थल को सील कर दिया है. सभी आरोपियों के मोबाइल नंबर में काफी ज्यादा डाटा डिलिट मिला है, जिनका लैब से परीक्षण कराया जा रहा है.

चारों आरोपियों को फिलहाल पुलिस रिमांड पर लिया गया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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