Chhattisgarh: मोस्ट वांटेड हिड़मा के गांव में कैंप खुला तो बौखलाए नक्सली! दो ग्रामीणों की कर दी हत्या
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही नक्सली के इलाकों में सर्च ऑपरेशन बढ़ा दिया गया है. 40 साल में पहली बार नक्सलियों के घर तक जवान पहुंच चुके हैं. नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पुवर्ती में जवानों ने कैंप खोला है. इसके बाद अब नक्सली अब बौखलाए हुए हैं. शुक्रवार की सुबह सुकमा जिले में नक्सलियों ने 2 आम नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी है.
सुकमा में 2 ग्रामीणों की हत्या
दरअसल जिले के चिंतागुफा इलाके में नक्सलियों ने कहेर दुल्लेड़ गांव के सोड़ी हूंगा और माड़वी नंदा की हत्या कर दी है. सुकमा पुलिस ने इस हत्या की पुष्टि कर दी है. पुलिस का कहना है कि नक्सली शासन के जन कल्याणकारी योजनाओं को आम नागरिकों तक पहुंचना नहीं देना चाह रहे हैं. नक्सली जनाधार को खत्म होता देख आम नागरिकों को शिकार बना रहे हैं. इस घटना के संबन्ध में थाना चिंतागुफा में अग्रिम विवेचना की जा रही है.
दो दिन पहले नक्सलियों ने जारी कर दिया था हत्या का फरमान
इन दोनों की हत्या के दो दिन पहले ही नक्सलियों ने पर्चा जारी कर दोनों की हत्या करने का फैसला किया था. नक्सलियों ने इन दोनों पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाया है. नक्सलियों का कहना है कि सुकमा बीजापुर जिले के सरहदी गांव कायर दूलोड में 4 जनवरी को कैंप खोला गया.7 जनवरी को एक और कैंप खोला गया. इसके बाद जनता को झूठा सरेंडर करवाने का नक्सलियों ने आरोप लगाया है. इसमें सोड़ी हूंगा और माड़वी नंदा को पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाकर हत्या कर दी है. इसके अलावा नक्सलियों ने राज्य की सरकार दोषी है. वहीं नक्सलियों ने 2 और लोगों को चेतावनी दी है. इसी गांव के अडमा (पंगाल डेंगाल), देवे दोनों ने भी इसी तरह पुलिस संपर्क में काम कर रहे है, हम इन्हें उस काम तुरंत छोड़कर साधारण जिंदगी जीने की अनुरोध करते है.
हिड़मा के गांव में पहली बार खोला गया है कैंप
गौरतलब है कि सुकमा बीजापुर जिले के सरहद में देश के मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का गांव पुवर्ती है. जहां पिछले 40 साल से नक्सलियों का कब्जा रहा है. इस गांव तक पुलिस फोर्स नहीं पहुंच पाई थी. लेकिन 16 फरवरी को फोर्स ने पुवर्ती गांव में कैंप खोलकर नक्सलियों के खौफ को बड़ा झटका दिया है. इसके साथ हिड़मा की मां से भी पुलिस ने मुलाकात किया है. जहां नक्सलियों का वॉर रूम था उसमे अब एसटीएफ ने कब्जे में लेकर अपना वॉर रूम बनाया है. इसके बाद फोर्स ने सरकारी योजनाओं को गांव के लोगों तक पहुंचाने में लग गई है.