नए साल में पंडो जनजाति का दर्द समझने Surguja सांसद ने झोपड़ी में बिताई रात, कंदमूल का भी चखा स्वाद

Surguja: छत्तीसगढ़ के सरगुजा लोकसभा के सांसद चिंतामणि महाराज ने पंडो जनजाति के लोगों का दर्द जानने के लिए पूरी रात झोपड़ी में गुजारी. इस दौरान सांसद ने पंडित जनजाति के लोगों से बातचीत की तो पता चला कि कई ऐसे परिवार हैं, जिनका आज तक आधार कार्ड और राशन कार्ड तक नहीं बना है
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सांसद चिंतामणी महाराज

Surguja: छत्तीसगढ़ के सरगुजा लोकसभा के सांसद चिंतामणि महाराज ने पंडो जनजाति के लोगों का दर्द जानने के लिए पूरी रात झोपड़ी में गुजारी. इस दौरान सांसद ने पंडित जनजाति के लोगों से बातचीत की तो पता चला कि कई ऐसे परिवार हैं, जिनका आज तक आधार कार्ड और राशन कार्ड तक नहीं बना है. वहीं गांव में बिजली भी नहीं पहुंची है.

यहां जनजाति परिवार के लोगों ने सांसद चिंतामणि महाराज को नाश्ता में भेंट स्वरूप खाने के लिए कंदमूल दिया इतना ही नहीं घर ले जाने के लिए भी गिफ्ट में जनजाति परिवार के लोगों ने कंदमूल ही दिया. ऐसा पहली बार है, जब किसी सांसद ने सरगुजा के ऐसे बीहड़ क्षेत्र में पहुंचकर पूरी रात झोपड़ी में गुजरी हो.

सांसद चिंतामणी महाराज ने झोपड़ी में बिताई रात

सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज सूरजपुर जिले के ओड़गी क्षेत्र स्थित खोहिर पंचायत पहुंचे. यह गांव 30 किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है, और गांव का आधा क्षेत्र गुरू घासी दास टाइगर रिजर्व में आता है. यही वजह है कि इस गांव में अब तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंचाई जा सकी है. इस गांव में न बिजली है और न ही लोगों के पीने के लिए साफ पानी. इतना ही नहीं गांव में पहुंचने के लिए सही रास्ता तक नहीं है. स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहद खराब है. यही वजह है कि सांसद चिंतामणि महाराज 31 दिसंबर की शाम इस गांव में पहुंच गए हालांकि इसकी जानकारी गांव वालों को पहले से थी कि गांव में सांसद आने वाले हैं और वे पूरी रात गांव में ही रहेंगे. इसकी वजह से गांव वालों ने सांसद के रुकने के लिए गांव में ही एक झोपड़ी का निर्माण किया और सांसद ने झोपड़ी में ही पूरी रात गुजारी इसके बाद सुबह उन्होंने लोगों से बातचीत कर उनकी समस्या को जाना.

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पंडो जनजाति के लोगों का जाना दर्द

इसी तरह देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी सरगुजा पहुंचे थे और उन्होंने यहां पंडो नगर गांव में पूरी रात गुजारी थी, तब से पंडो जनजाति के लोगों को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है लेकिन अब पंडो जनजाति के ही लोगों का दर्द जानने के लिए सरगुजा सांसद ने भी खोहिर गांव में पहुंचकर उनका दर्द और समस्या को जाना है ऐसे में सवाल उठता है कि सांसद ने जिस झोपड़ी में पूरी रात गुजारी है. क्या उसे सांसद भवन के रूप में जाना जाएगा इसे लेकर सांसद चिंतामणि महाराज कह रहे हैं कि इस पर भविष्य में विचार किया जाएगा और वे मुस्कराने लगते हैं.

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