पहलगाम में आतंकी हमले के बीच फरिश्ता बने कश्मीरी गाइड नजाकत, छत्तीसगढ़ के BJP नेता समेत 11 लोगों की बचाई जान
फरिश्ता बने कश्मीरी गाइड नजाकत अहमद शाह
Pahalgam Terror Attack: तारीख 22 अप्रैल 2025. शांति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात जम्मू-कश्मीर का पहलगाम में घूमने आए पर्यटकों को आंतकियों ने अपने निशाने पर ले लिया. आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछा और गोली मार दी… इस हमले में 28 बेगुनाहों की मौत हो गई. पहलगाम में आतंकी हमले के डर और खौफ के बीच कई पर्यटक फंसे रहे. ऐसे में कश्मीरी गाइड नजाकत अहमद शाह फरिश्ता बनकर सामने आए. उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना BJP कार्यकर्ता अरविंद अग्रवाल समेत छत्तीसगढ़ के 11 पर्यटकों की जान बचाई. जानें कौन हैं नजाकत अहमद शाह-
फरिश्ता बने नजाकत
छत्तीसगढ़ BJP युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अरविंद अग्रवाल अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे. आतंकी हमले के दौरान वह भी पहलगाम में मौजूद थे. उन्होंने अपने परिवार और उनके साथ मौजूद चिरमिरी के कुल 11 लोगों को बचाने का श्रेय कश्मीरी गाइड नजाकत अहमद शाह को दिया है.
अरविंद अग्रवाल ने हमले वाले दिन जो-जो हुआ वह सब बताया. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बताया- ‘सब कुछ शांतिपूर्ण था और मैं फोटो खींच रहा था. जब अचानक गोलीबारी शुरू हुई तो मेरी चार साल की बेटी और पत्नी मुझसे थोड़ी दूर थे. मेरे गाइड नजाकत उनके साथ थे और एक और जोड़ा और उनका बच्चा भी था. ‘
गले लगाकर बचाई जान
इंटरव्यू के दौरान अरविंद अग्रवाल ने आगे बताया-‘जब गोलीबारी शुरू हुई, तो नजाकत ने सभी को लेटने के लिए कहा और मेरी बेटी और मेरे दोस्त के बेटे को गले लगाकर उनकी जान बचाई. इसके बाद वह उन्हें सुरक्षित जगह पर ले गया और फिर मेरी पत्नी को बचाने के लिए वापस चला गया.’
स्थानीयों ने दिए कपड़े
अरविंद अग्रवाल ने याद करते हुए बताया कि इस हमले में उनकी पत्नी के कपड़े फट गए थे. यह सब देख स्थानीय लोगों ने मदद की और उन्हें कपड़े दिए.
कौन हैं नजाकत अहमद शाह?
पहलगाम आतंकी हमले के बीच एक नाम चर्चाओं में आ र हा है वह है नजाकत अहमद शाह. यह वह नाम है, जो आतंकी साए के बीच छत्तीसगढ़ के चिरमरी के रहने वाले 11 पर्यटकों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आए. नजाकत अहमद शाह जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं, जो गर्म कपड़ों का व्यापार करते हैं.
गर्म कपड़ों का व्यापार करने के लिए नजाकत का MCB जिले के चिरमिरी में कई सालों तक आना-जाना हुआ. इस दौरान उन्होंने चिरमिरी के शिवांश राजू जैन, कुलदीप स्थापक, हैप्पी बधावन और अरविंद अग्रवाल को जम्मू-कश्मीर घूमने के लिए कहा था. साथ ही यह भी कहा कि वह वहां के स्थानीय हैं. वह सभी लोगों को ज्यादा बेहतर तरीके से कश्मीर घुमाएंगे.
नजाकत ने हमले में अपने भाई को खोया
जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने हमले में जिन दो स्थानीय लोगों को मारा है. उनमें एक नजाकत का चचेरा भाई भी शामिल है.
चिरमिरी हुई वापसी
पहलगाम आंतकी हमले में नजाकत ने चिरमिरी के जिन 11 पर्यटकों की जान बचाई शुक्रवार को वह सभी सकुशल चिरमिरी वापस पहुंचने वाले हैं.
क्या बोले नजाकत?
नजाकत ने बताया कि पर्यटन ही उनकी रोजी-रोटी है. इस आतंकी हमले से पर्यटन पर सीधा असर पड़ेगा, जिससे वह बेरोजगार भी हो सकते हैं. उन्होंने उस दिन की घटना को याद करते हुए एक इंटरव्यू में बताया कि जहां वह मौजूद थे उससे करीब 20 मीटर की दूरी पर ही आतंकी हमला हुआ था. अगर सही समय पर सभी को लेकर मौके से नहीं भाग निकलते तो आतंकवादी उनके पास आ जाते.