Chhattisgarh: आयुष्मान भारत योजना में इलाज पाने के लिए मरीज झेल रहे परेशानी, निजी अस्पतालों में पैसों का विवाद
Chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ में सरकारी और निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज पाने के लिए मरीजों को खूब परेशानी झेलनी पड़ रही है. इस योजना के तहत मरीजों को रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पा रहा है. साथ ही नए कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं. ये समस्या आयुष्मान के सॉफ्टवेयर में नया वर्जन अपडेट करने के कारण सामने आ रही है. इसके कारण जिले में 500 से अधिक मरीजों की सर्जरी और इलाज पेंडिंग है. साल 2018 में जब आयुष्मान कार्ड से इलाज की योजना लागू हुई थी तब इसका साफ्टेवयर 1.0 था. इसके आधार पर कार्ड बनाने और मरीजों के रजिस्ट्रेशन समेत कई और प्रक्रियाएं पूरी हो रही थी. 1.0 साफ्टेवयर के बाद सेतू नाम का नया वर्जन लागू किया गया, जो 1.0 से बेहतर था. और इससे खूब कार्ड बनाए गए. और अब 2.0 का नया वर्जन अपडेट किया गया है.
बता दें कि सॉफ्टवेयर का नया वर्जन पूरे राज्य के अस्पतालों में ठीक तरह से सपोर्ट नहीं कर रहा है, जैसा करना चाहिए. इस वजह से पिछले दो हफ्ते से मरीज और आम लोग निजी और सरकारी अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं. कई जगह अस्पतालों की पैसे लेने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी सूचना आगे बढ़ा दी है. जानिए, कैसी-कैसी समस्या झेल रहे मरीज और परिजन.
आयुष्मान है कहकर की गई सर्जरी, रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर ले लिया पैसा
बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में मूलत: मध्य प्रदेश और फिलहाल बिलासपुर में राजकिशोर नगर का रहने वाला अमन ठाकुर अपने पैरों के जख्म का इलाज कराने पहुंचे. अस्पताल प्रबंधन ने उनकी आयुष्मान से मामूली सर्जरी करने की बात कही. लेकिन आयुष्मान से रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण उनसे पैसे ले लिए गए. अमन ठाकुर ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से कर दी है.
बीमारी हुई, अब कार्ड बनवाने भटकाव
शहर के विनोबा नगर में रहने वाले विकास सोनी की पत्नी बीमार हैं. उन्हें इलाज की जरूरत है. विकास अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया. विकास ने बताया कि कार्ड बनने और रजिस्ट्रेशन में कुछ दिक्कत आ रही है. वे सॉफ्टवेयर के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं.
460 से अधिक मरीजों का इलाज पेंडिंग
बिलासपुर शहर के सबसे बड़े सिम्स और जिला अस्पताल में भी आयुष्मान के तहत इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को कई तरह की दिक्कत उठानी पड़ रही है. आंख, नाक, कान, हाथ, पैर और हड्डियों समेत कई तरह के रोग से ग्रसित मरीज इस योजना के तहत इलाज की उम्मीद लेकर आ रहे हैं. लेकिन उन्हें भी समस्या झेलनी पड़ रही है. जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों में 250 से अधिक मरीजों का इलाज पेंडिंग हो गया है. इनमें कुछ सर्जरी वाले हैं, जो भटकर रहे हैं.
उधर, नया आयुष्मान कार्ड बनाने चल रही चिट्ठी
बात दें कि आयुष्मान भारत योजना के राज्य नोडल ने चिप्स को लिखा है कि आयुष्मान भारत जनआरोग्य योजना के तहत छत्तीसगढ़ के सभी परिवार के प्रत्येक सदस्य का पंजीयन कर उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज उपलब्ध करवाना है. इसके लिए सभी को आयुष्मान कार्ड जारी किया जा रहा है. राष्ट्रीय प्राधिकरण के अनुसार प्रदेश में जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उनका अतिशीघ्र पंजीयन जरूरी है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इसकी कार्ययोजना बनाने के लिए कहा गया है.