खरसिया से नया रायपुर और परमालकसा तक रेल लाइन को मिली मंजूरी, रेल मंत्री बोले- छत्तीसगढ़ की बढ़ेगी रफ्तार

रेल मंत्री ने बताया कि पहले कांग्रेस के समय छत्तीसगढ़ को रेलवे के लिए सिर्फ 300 करोड़ रुपये मिलते थे, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 7,000 करोड़ रुपये कर दिया है. 2014 के बाद से छत्तीसगढ़ में 1,125 किलोमीटर नए रेल ट्रैक बने हैं और कुल 47,447 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

CG News: छत्तीसगढ़ अब रुकने वाला नहीं, बल्कि रेल की रफ्तार से तरक्की की पटरी पर दौड़ने वाला है. खरसिया से नया रायपुर और परमालकसा तक 278 किलोमीटर की नई रेल लाइन को हरी झंडी मिल गई है. 8,741 करोड़ रुपये की यह मेगा परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए किसी टर्बो इंजन से कम नहीं, जो राज्य को सुपरफास्ट कनेक्टिविटी का तोहफा देगी. यह रेल लाइन छत्तीसगढ़ को तेजी से आगे ले जाएगी और राज्य के कई इलाकों को ट्रेन से जोड़ेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे छत्तीसगढ़ के विकास के लिए बड़ा कदम बताया है.

8 जिलों को जोड़ेगी ये रेल लाइन

इस रेल लाइन में 615 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जाएगा. इसमें 21 नए स्टेशन बनेंगे, 48 बड़े पुल, 14 फ्लाई ओवर और 184 अंडरपास तैयार होंगे. रेल मंत्री ने कहा कि इससे हर साल 2200 करोड़ रुपये के डीजल की बचत होगी. इतना ही नहीं, यह रेल लाइन रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बलौदाबाजार जैसे 8 जिलों को जोड़ेगी. खास बात यह है कि बलौदाबाजार जैसे इलाके, जो पहले रेल नेटवर्क से दूर थे, अब ट्रेन से जुड़ जाएंगे.

कांग्रेस के समय में मिलते थे सिर्फ 300 करोड़- रेल मंत्री

रेल मंत्री ने बताया कि पहले कांग्रेस के समय छत्तीसगढ़ को रेलवे के लिए सिर्फ 300 करोड़ रुपये मिलते थे, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 7,000 करोड़ रुपये कर दिया है. 2014 के बाद से छत्तीसगढ़ में 1,125 किलोमीटर नए रेल ट्रैक बने हैं और कुल 47,447 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस प्रोजेक्ट के लिए पीएम मोदी और रेल मंत्री का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि जशपुर जैसे जिले, जो सालों से रेल से कटे हुए थे, अब जल्द ही ट्रेन से जुड़ेंगे. रावघाट प्रोजेक्ट का पहला हिस्सा पूरा हो चुका है और दूसरा हिस्सा, जो रावघाट से जगदलपुर तक जाएगा, उसका काम भी तेजी से चल रहा है. इसके अलावा, अंबिकापुर से बरवाडीह तक की पुरानी रेल लाइन का काम भी शुरू होने वाला है.

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सांसदों ने भी अपनी मांगें रखीं.

रायगढ़ के सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रायगढ़ में 8 ट्रेनों को रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए. रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बस्तर और सरगुजा को रेल नेटवर्क से जोड़ने की बात कही. उनका कहना था कि अगर रेल लाइनें मुख्य शहरों के पास से गुजरेंगी, तो लोगों को ज्यादा फायदा होगा. वहीं, राजनांदगांव के सांसद संतोष पाण्डेय ने डोंगरगढ़ से खैरागढ़, कवर्धा होते हुए कोरबा तक रेल लाइन को जल्दी बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे इलाके के लोगों को बहुत राहत मिलेगी.

यह रेल लाइन सिर्फ सफर को आसान नहीं बनाएगी, बल्कि नौकरियां, व्यापार और विकास के नए रास्ते भी खोलेगी. छत्तीसगढ़ अब तेजी से बदल रहा है और यह प्रोजेक्ट उस बदलाव का हिस्सा है.

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