Raipur News: कभी ‘तालाबों की नगरी’ रायपुर से 100 से अधिक तालाब कहां गायब हो गए?
Raipur News: देश में भू-जल की समस्या बड़ी समस्याओं मे से एक है. हर साल गर्मियों मे पानी की कमी से हाहाकार मचा रहता है. लेकिन बरसात आते ही भू-जल की चर्चा ठंडे बसते में चले जाती है. भले ही हमारी प्यास अभी बुझ रही है लेकिन आने वाली पीढ़ी के लिए ये परेशानी कहीं बड़ी मुसीबत न बन जाए. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी ऐसे ही हालात बन रहे हैं. दरअसल, यहां 100 से अधिक तालाब ‘गायब’ हो चुके हैं.
तालाबों की नगरी से अब तालाब हो रहे गायब!
रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी बनने से पहले तक ‘तालाबों की नगरी’ कहलाता था. यहां कभी नलों में पानी की कमी नहीं रहती थी. लेकिन बढ़ते विकास के साथ ताल-तलैयों की बलि चढ़ने लगी है. नगर निगम के जलविभाग के अध्यक्ष सतनाम सिंह पनाग बताते हैं कि शहर में 205 तालाब हुआ करते थे लेकिन अभी सिर्फ 70 के आसपास तालाब ही बचे हैं.
पिछले 40 सालो में 135 तालाबों की चढ़ी बलि
रायपुर पानी की भी राजधानी कही जाती थी. हर दो से तीन किलोमीटर में एक तालाब हुआ करता था लेकिन छत्तीसगढ़ अलग राज्य क्या बना, शहर को दफ्तर, घर, सड़क की जरूरत पड़ी और तालाबों की बली चढ़ने लगी. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है 35-40 सालों के विकास ने रायपुर शहर के 135 तालाब निगल गए. जहां पहले तालाब हुआ करते थे अब वहां बाजार,घर, ऑफिस बन गए है. रायपुर का प्रसिद्ध शास्त्री बाजार लेंडी तालाब के पास बसा है. टिकरापारा की आबकारी कॉलोनी तालाब के ऊपर बसी है. रायपुर का प्रख्यात रामसागर पारा रामसागरिया तालाब के ऊपर बसा है. इसके अलावा सरजूबंधा को पुलिस लाइन लील गई, खांतो तालाब पर शक्तिनगर बन गया. पचरी, नया तालाब और गोगांव ताल को उद्योग विभाग का गोदाम बना दिया गया.
राजधानी में बेतरतीब ढंग से हुए विकास कार्यों के चलते भी तालाबों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. रायपुर शहर पर किताब लिख चुके अजय वर्मा बताते हैं कि शहर में कई तालाबों को पाट-पाटकर वहां पर रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स या बाजार पिछले कई सालों में बने, जिसकी वजह से शहर में तालाबों की संख्या में भारी गिरावट आई है.
तालाबों की कमी से भू-जल की कमी
तालाब केवल इसलिए जरूरी नहीं हैं कि वे पारंपरिक जल स्त्रोत हैं, तालाब पानी सहेजते हैं, भू-जल का स्तर बनाए रखते हैं. धरती के बढ़ रहे तापमान को भी नियंत्रित करने में मदद करते हैं. भू-जल के हालात सुधरने के लिए तालाबों को संवारना सबसे सशक्त तरीका है.
रायपुर में कहां-कहा है पानी की कमी!
रायपुर शहर के बिरगांव नगर निगम के आधिकांश वार्ड गर्मी में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसते हैं. इसके अलावा शहर के लिए पंडरी, सरस्वती नगर, गुढ़ियारी, शंकर नगर, टैगोर नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, टाटीबंध में पानी की समस्या आम है.
स्मार्ट सिटी का प्लान क्या करेगा असर?
रायपुर स्मार्ट सिटी और रायपुर नगर निगम में मिलकर तालाबों के संरक्षण के लिए सौंदर्यीकरण का फैसला लिया गया है, जिसमें 70 में से लगभग 80% तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो चुका है. वहीं बचे हुए तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम अभी बाकी है.