Ram Mandir Case: राम जन्मभूमि केस में बड़ी भूमिका निभाने वाले आर्कियोलॉजिस्ट कौन हैं? जानिए भगवान राम के ननिहाल से पूरी कहानी
Ram Mandir Case: पूरा देश 22 जनवरी को राममय में होने जा रहा है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो राम मंदिर पर फैसला सुनाया गया था, उसके पीछे की कहानी क्या थी? कौन थे वो शख्स जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में प्रमाण प्रस्तुत किया और जिसके आधार पर आज रामलला का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. इसकी पूरी कहानी भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से जुड़ी हुई है.
छत्तीसगढ़ के आर्कियोलॉजिस्ट ने दिया सबूत
दरअसल देश के सबसे चर्चित मामलों में एक अयोध्या में राम जन्मभूमि से जुड़ा मामला रहा है. इसमें मामले में दशकों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटे गए. लेकिन मामला लगातार फंसता जा रहा था. पर सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ के पद्मश्री पुरातत्ववेत्ता और अयोध्या खुदाई दल के सदस्य के रूप में डॉक्टर अरुण कुमार शर्मा के सबूत को सबसे अहम माना गया. अयोध्या में मंदिर था… इसका प्रमाण कोर्ट में अरुण कुमार शर्मा ने ही पेश किया था. उनकी ही मांग पर कोर्ट ने खुदाई करवाई थी. यहां से मिले शिलालेख और मंदिर के अवशेष ही पूरे फैसले का प्रमुख आधार बने थे.
अरुण कुमार शर्मा ने रिटायर्ड होने के बावजूद की खुदाई
अब जब राम मंदिर का निर्माण पूरा होने वाला है तो अरुण कुमार शर्मा काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का उद्धार होना जरूरी था. खुदाई टीम का हिस्सा होना गर्व का विषय है. बहुत अच्छा लग रहा है कि मेरे जीते जी राम मंदिर बन रहा है. बहुत लंबी लड़ाई हिंदुओं ने लड़ी है. उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की तरफ से 5 मार्च 2003 को खुदाई की गई. इसके बाद 22 अगस्त 2003 को खुदाई टीम ने कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी. डॉ शर्मा ने कहा, ‘हालांकि, भारतीय पुरातत्व विभाग से मैं रिटायर होने के बाद मैं अपने व्यक्तिगत सर्वे का काम कर रहा था, उस दौरान विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल से टेलीफोन पर बातचीत हुई थी. उन्होंने ही केस को सुलझाने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे मैंने स्वीकार किया था. उसके बाद टीम के साथ मैंने काम किया.’
भगवान राम का छत्तीसगढ़ से क्या है नाता?
माना जाता है कि रामायण काल में छत्तीसगढ़ के हिस्से को दक्षिण कौशिक कहा जाता था. यहां के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या थीं, जिनकी शादी अयोध्या के राजा दशरथ के साथ हुई. इस तरह से छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल माना जाता है. इसके बाद जब सीता माता , लक्ष्मण और भगवान राम 14 साल के लिए वनवास में गए थे. तब इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में 10 से 12 साल का समय बिताया. वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 27 किलोमीटर दूर चंदखुरी में कौशल्या माता का मंदिर है.
अरुण शर्मा के इस किताब में है राम मंदिर का सच
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के चांगोरा भाटा के रहने वाले पद्मश्री अरुण कुमार शर्मा भारत के पुरातत्वविद हैं. 2017 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया. वे छत्तीसगढ़ शासन के पुरातात्विक सलाहकार भी रह चुके हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के अलावा भारत के बहुत सारे स्थानों पर खुदाई कराई है. डॉ शर्मा ने अयोध्या मामले पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम है ‘आर्कियोलॉजिकल एविडेंस इन अयोध्या केस’. किताब अंग्रेजी में लिखी गई है. खुदाई के दौरान क्या कुछ तथ्य मिला था… उसकी पूरी जानकारी इस किताब में दी गई है. इसके अलावा उन्होंने 40 से अधिक किताबें लिखी हैं.