Padma Awards: छत्तीसगढ़ के बिरहोर भाई को मिलेगा ‘पद्मश्री’,आदिवासियों का विश्वास जीतने के लिए चप्पल का कर दिया त्याग
Padma Awards: जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लाक में बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र के घने जंगलों के बीच बसे एक छोटे से गांव भीतरघरा के निवासी जागेश्वर राम को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा से जशपुर मे हर्ष और उल्लास का वातावरण है. जागेश्वर यादव 80 के दशक से हो बिरहोर जनजाति के विकास के लिए विशेष प्रयास मे जुटे हुए हैं. इस जनजाति को शिक्षित करने के लिए जागेश्वर राम ने कड़ी मेहनत की है.
जागेश्वर राम को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा
दरअसल, अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिरहोर जनजाति को घने जंगलों से निकालकर तात्कालीन सरकार ने बस्तियों मे बसाया था. सरकार ने इनके जीविकोपार्जन के लिए इन्हे जमीन भी उपलब्ध कराया था लेकिन घने जंगल के जीवन के आदि हो चुके बिरहोर, ग्रामीण परिवेश मे खुद को नहीं ढाल सके और लगातार विकास मे पिछड़ते चले गए.
एक समय बिरहोर की जनसंख्या भी घटने लगी थी
स्वास्थ को लेकर जागरूकता की कमी के कारण बिरहोर की जनसंख्या भी घटने लगी थी. भीतरघरा के निवासी जागेश्वर राम, अपने युवा अवस्था में बिरहोर के सम्पर्क में आए. इनकी दुर्दशा देखकर उन्होंने इनके विकास के लिए अपना जीवन समर्पित करने का निर्णय लिया. लेकिन बिरहोर जाति के लोग आम लोगों से जल्दी घुलते मिलते नहीं थे. इसलिए जागेश्वर राम ने उनसे सम्पर्क बढ़ाने के लिए उनके पहनावा और जीवन शैली को अपना लिया.
आदिवासियों का विश्वास जीतने के लिए जागेश्वर ने चप्पल का त्याग किया
जागेश्वर राम ने सबसे पहले चप्पल का त्याग कर दिया और हाफ पेंट पहन कर जमीन मे सोने लगे. धीरे-धीरे बिरहोर जाति के लोग जागेश्वर राम पर विश्वास करने लगे. इसके बाद उन्होंने बिरहोर के स्वास्थ्य सुधारने की दिशा मे काम करना शुरू किया. जागेश्वर राम ने युवाओ को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया. उनके प्रयास से वर्ष 2021 में पहली बार बिरहोर जाति की एक युवती ने बोर्ड परीक्षा मे प्रथम स्थान प्राप्त किया था. इस पर तत्कालीन कलेक्टर महादेव कावरे ने युवती को सम्मानित किया था.
जागेश्वर राम का सीएम विष्णुदेव साय से है पुराना नाता
आपको बता दें कि जिले के बगिया निवासी विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने पर जागेश्वर साय, उनसे मिलने के रायपुर स्थित पहुना पहुंच गए थे. यहां बैरिकेट के पास खड़े होकर वे मुख्यमंत्री साय से मिलने की आशा मे खड़े हुए थे. इसी दौरान आम लोगों से मिलने के लिए बाहर निकले साय की नजर जागेश्वर पर पड़ीं, तो उन्होंने जागेश्वर को अपने पास बुला लिया था और रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहने के दौरान, बिरहोर और पहाड़ी कोरवाओ के विकास के लिए किए गए कार्यों की स्मृति साझा की थी.
इससे पहले मिल चुका है शहीद वीर नारायण पुरस्कार
जागेश्वर राम ने बताया था कि सांसद रहते हुए मुख्यमंत्री साय के प्रयासों से ही रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ़ और जशपुर जिले के भीतरघरा मे बिरहोरों के लिए आश्रम शुरू हुआ था और खाट-पलंग की व्यवस्था की गई थी. इसलिए उनका शहीद वीर नारायण पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. जिले में इन्हें बिरहोर भाई के नाम से जाना जाता है.