CG News: बिलासपुर में मौसमी बीमारियों का कहर, मलेरिया के बाद अब स्वाइन फ्लू के बढ़े मरीज
CG News: बिलासपुर जिले में मौसमी बीमारियां कहर बरपा रही हैं. हैजा, डायरिया , मलेरिया के बाद स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि बिलासपुर के संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स व जिला अस्पताल में मरीजों को ठीक तरह से न तो इलाज मिल पा रहा है और न ही सुविधा मिल पा रही हैं. सिम्स में सबसे ज्यादा कमी डॉक्टरों की है. कुछ डॉक्टर छुट्टी पर हैं तो कुछ किसी और कारण से अस्पताल नहीं आ रहे हैं और यही कारण है कि मरीजों को यहां ठीक तरह से इलाज नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 75 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज मिल चुके हैं. इसके अलावा 1000 से ज्यादा डायरिया और 100 से अधिक मलेरिया के मरीज मिल चुके हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि इन मरीजों में कोई 50 से 60 किलोमीटर दूर से सिम्स आ रहा है तो कोई 100 किलोमीटर दूर से लेकिन यहां भटकाव के अलावा कुछ भी नसीब नहीं हो रहा. मरिज बता रहे हैं कि कैसे वे समस्या झेल रहे हैं.
6 घंटे बाद आ रहा नंबर
सिम्स में रोजाना 1500 से अधिक मरीज इलाज करने आते हैं. यह सिर्फ ओपीडी का आंकड़ा है जबकि 500 से अधिक मरीज भर्ती होते हैं यानी यह संख्या आईपीडी की है. इनमें सर्दी बुखार से लेकर हड्डी आंख नाक कान और त्वचा रोग से संबंधित मरीज हैं. जो यहां पहुंचने तो हैं लेकिन पर्ची काटने से लेकर डॉक्टर से मिलने तक के लिए उन्हें 5 से 6 घंटे का इंतजार करना पड़ता है. यही वजह है कि सिर्फ भटकाव के अलावा उनके नसीब में कुछ नहीं मिल पा रहा और निजी अस्पतालों में जाना उनकी मजबूरी बन गई है.
डीन से शिकायत बेअसर
पीड़ित मरीज अपनी शिकायत लेकर सिम्स के दिन डॉक्टर के के सहारे के पास जाते हैं लेकिन वह किसी से मुलाकात नहीं करते हैं. कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बैठने की बात तो कभी बिलासपुर से बाहर होने की बात कह कर मरीजों को चलता कर दिया जाता है. यही वजह है की छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी उन्हें निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है.
मरिज कह रहे पता नहीं लाइन कब खत्म होगी
सिम्स में सबसे ज्यादा समस्या लाइन लगे और इलाज पाने के लिए होती है. सुबह से लोग अपनी बारी का इंतजार करते हैं. लेकिन पर्ची काटने से लेकर डॉक्टर से मिलने दवाइयां पाने और फिर बेहतर इलाज की उम्मीद लिए लोग लाचारी में घूमते फिरते ही नजर आते हैं जिसे लेकर ना तो डॉक्टर को कोई सरोकार है और ना ही साइंस प्रबंधन को यही वजह है कि भटकाव मरीजों की मूल समस्या बन कर रह गई है.
सिम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट सुजीत नायक का कहना है कि यहां मरीजों की संख्या ज्यादा है इसलिए लगातार शासन से डॉक्टरों की मांग की जा रही है. इसके अलावा mrd और बाकी डिपार्टमेंट का उन्नयन काम किया जा रहा है. हर तरह की कोशिश चल रही है कि सिम्स की व्यवस्था सुधर जाए. हाई कोर्ट के निर्देशानुसार काम चल रहा है. उनके मुताबिक मरीज की समस्या का हर संभव निराकरण निकाला जा रहा है.