Chhattisgarh के दशरथ मांझी, 30 साल में अकेले खोद दिया तालाब, हर तरफ हो रही तारीफ…
– अविनाश चंद्र
Chhattisgarh: एक ऐसा शख्श जिसे लोग दशरथ मांझी के नाम से बुलाते है, जैसे दशरथ मांझी ने पहाड़ का चट्टान काटकर रास्ता बनाये थे, ऐसी ही इस शख्स ने धरती का सीना चीर कर तालाब बना दिया. 1990 से यह शख्श अपने हाथ में चेनी हथौड़ा गैता फवरा और बेलचा लेकर निकल पारा था. पानी की तलाश में तालाब खोदने और आज लगभग 30 साल बाद इस तालाब में पानी है और यहां के लोग पानी का उपयोग भी कर रहे है.
चिरमिरी के दशरथ मांझी ने 30 में खोदा पहाड़
हम बात कर रहे है, चिरमिरी नगर निगम के एक नंबर वार्ड में रहने वाले श्यामलाल रजवाड़े का जिसे यहां के कुछ लोग दशरथ मांझी के नाम से बुलाते हैं, श्यामल राजवाड़े अपने बचपन के समय में 12-14 साल की उम्र में अपने गांव में पानी की किल्लत को देखा तब उसने अपने मन मे विचार बनाया कि पानी की समस्या को कैसे ख़त्म किया जाये और तब अपने नन्हे हाथों में हथौड़ा छेनी फावड़ा बेलचा लेकर गांव में तालाब खोदने निकल पड़ा.
इतने कम उम्र मे श्यामलाल अपने नाजुक हाथो से पत्थर चट्टान को काटकर मिट्टी को खोदना शुरू किया लगभग 23 साल बाद उसने तालाब खोद कर तालाब में पानी ले आया लेकिन इतने में श्यामलाल का मन नहीं मना उस तालाब को और बड़ा रूप देने में लगातार लगा हुआ है, लगातार 30 – 32 साल से सुबह शाम गर्मी बरसात ठंड हर मौसम मे श्यामलाल ने अपने काम मे लगा रहा उसका परिणाम है की आज इस तालाब मे पानी रहता है.
तालाब के पानी का उपयोग करते है लोग
आज तालाब का पानी का उपयोग गांव के लोग तो करते ही साथ में श्यामलाल अपने परिवार के साथ इसी पानी से खेती भी करने लगा. धान के खेती के साथ साथ साथ सब्जी भी उगाने लगे है.
परिवार भी दे रहा साथ
शादी के बाद उसका परिवार भी तालाब बनाने में उसका साथ देते आ रहे है, श्यामलाल मजदूरी का काम भी करता है कहते है की श्यामलाल ने कोयला खदानों मे मजदूरी का कम करता था उसके बाद घर जाकर तालाब खोदने के काम मे लग जाता था. जब श्यामलाल राजवाड़े तालाब खोदना शुरू किया था तो उसे कई सालों तक लोग पागल सरफिरा कहते थे पर श्यामलाल इन बातो को ध्यान ना देकर अपने जूनून मे लगकर निरंतर तालाब खोदता रहा.
श्यामलाल राजवाड़े ने प्रशासन से लगाई गुहार
इस तालाब में पानी भी है मोटर पंप भी लगा हुआ है इस तालाब के पानी का उपयोग गांव के लोग के साथ-साथ श्यामलाल राजवाड़े खेती किसानी में भी करने लग गए हैं. प्रशासन द्वारा श्यामलाल की मदद के लिए 2018 में तालाब गहरी करण के लिए काम करवाया था लेकिन श्यामलाल का कहना है कि जो काम हुआ है उसमें पानी रुक नहीं पा रहा है अभी भी उसमें काम की जरूरत है, मैं अपने स्तर पर काम कर रहा हूं अगर कुछ प्रशासन से मदद मिल जाती तो मेरे लिए अच्छा होता. तालाब के समीप श्यामलाल ने एक कुआं भी खोद रहा है कुए मे पानी भी आ गया है.