Surajpur: पान की दुकान की तरह संचालित हो रहे प्राइवेट हॉस्पिटल, आयुष्मान कार्ड में भी बड़ा खेल- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का आरोप

Surajpur: सूरजपुर में गाइडलाइन के विपरित, बिना नियमों के चल रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों व क्लिनिकों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है, इसे लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है.
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स्वास्थ्य व्यवस्था से मरीज परेशान

सूरज साहु (सूरजपुर)

Surajpur: सूरजपुर में गाइडलाइन के विपरित, बिना नियमों के चल रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों व क्लिनिकों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है, इसे लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है.

पान की दुकान की तरह संचालित हो रहे प्राइवेट हॉस्पिटल

साथ ही सूरजपुर में किराने व पान की दुकान की तरह संचालित प्राइवेट हॉस्पिटल और क्लीनिकों को लेकर उग्र आंदोलन की बात भी कही है. वहीं यहां कमर दर्द, घुटनों के दर्द में भर्ती कर आयुष्मान कार्ड से भी बड़ा खेला हो रहा है. अब मरीज शिकायत करें या इलाज कराए.

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दी आंदोलन की चेतावनी

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी स्थानीय प्रशासन पर मिलीभगत करने के आरोप के साथ आंदोलन की बात कही है. दरअसल सूरजपुर जिले में प्रायवेट हास्पिटलों व क्लिनिकों की भरमार होती जा रही है,,जहां न तो किसी नियम का पालन किया जा रहा है और जो एन पी ए के तहत कानून बने हैं उन कानूनों का भी स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा है. वहीं कई हास्पिटल्स और क्लिनिकें तो सरकारी डाक्टरों द्वारा संचालित कि जा रही है, जिसका नतीजा यह है कि आज किराने और पान की दुकानों की तरह स्वास्थ्य सेवा संचालित हो रही है.

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प्रशासन नहीं कर रहा कार्यावाही

जहां इसको लेकर राजनीति भी गरमाती जा रही है, वही इस मामले में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी कार्यवाही की बात कही थी, तो पूर्व मंत्रियों के भी बयान भी सामने आए है, लेकिन शासन-प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया नजर आ रहा है, वहीं अब इसको लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि सभी की मिलीभगत से यह लुट का बाजार चल रहा है, क्या स्थानीय प्रशासन के नाक के नीचे लोगों को लुटा जा रहा है और वह चुप बैठे हैं जहां इसको लेकर गोंडवाना ने उग्र आंदोलन की बात कही है.

अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव

यहां प्रायवेट हास्पिटलों में जाने वाले सरकारी डाक्टरों को वहां जाने के लिए एन पी ए लेना जरूरी होता है तो वहीं एयर पाल्यूशन बायोमेडिकल वेस्ट फ्रोन इंट्री साइज होना चाहिए आपरेशन थियेटर जो संचालित होते हैं वे तीन डोर वाले होने चाहिए ओटी रजिस्टर एवं साथ ही आई वी एफ के ट्रीटमेंट हेतु ऐम्ब्रोलोजिस्ट होना चाहिए, ग्राफिक, पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं होनी चाहिए लेकिन इन सब नियमों को दरकिनार कर धड़ल्ले से प्रायवेट हास्पिटलों व क्लिनिकों का संचालन किया जा रहा है जहां इसको लेकर राजनीतिज्ञों ने भी सवाल उठाए हैं तो वहीं नर्सिंग होम एक्ट के प्रभारी राजेश श्रेष्ठ ने माना कि कलेक्टर द्वारा दि गई आदेश पर जांच की गई थी जहां कई अनियमितता पाई गई थीं,, जहां उन्होंने कहा कि 10 से 12 नर्सिंग होमों की अभी तक जांच हो पाई है जिसमें काफी अनियमितताएं पाई गई है.

एक ओर जहां खबर दिखाने के बाद स्वास्थ्य अमला जागता है और नोटिस दे खानापूर्ति कर बैठ जाता है वही इसको लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा नियम शर्तों पर संचालित न होने वाले हास्पिटलों पर कार्यवाही कि जा सकती है लेकिन मान्यता योग्यता व गाइडलाइन के अनुरूप हास्पिटलों का संचालन किया जाना चाहिए,,वही सरकारी डाक्टरों के प्रायवेट हास्पिटलों व क्लिनिकों में सरकारी डाक्टरों के इलाज करने में भी समयावधि और नियम कानून का पालन भी जरूरी है.

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