Chhattisgarh का ‘पैरा आर्ट’, धान की पराली से बनाई जा रही अनोखी और आकर्षक तस्वीरें, देखकर हो जाएंगे हैरान

Chhattisgarh: जांजगीर-चाम्पा के सारागांव क्षेत्र के देवरी गांव में महिलाओं और युवतियों को 'पैरा शिल्प' की ट्रेनिंग दी जा रही है. 90 दिनों की ट्रेनिंग में ट्रेनर चुड़ामणि सूर्यवंशी द्वारा पैरा आर्ट के माध्यम से अलग-अलग तस्वीर बनवाई जा रही है.
Chhattisgarh news

'पैरा आर्ट'

प्रकाश साहू (जांजगीर)

Chhattisgarh: आपने कई तरह के आर्ट के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन हम आपको पैरा आर्ट के बारे में बता रहे हैं, जिसे देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे कि आखिर पैरा से इतनी अनोखी और आकर्षक तस्वीरें भी बनाई जा सकती है. जांजगीर-चाम्पा के सारागांव क्षेत्र के देवरी गांव में महिलाओं और युवतियों को ‘पैरा शिल्प’ की ट्रेनिंग दी जा रही है. 90 दिनों की ट्रेनिंग में ट्रेनर चुड़ामणि सूर्यवंशी द्वारा पैरा आर्ट के माध्यम से अलग-अलग तस्वीर बनवाई जा रही है.

धान के पैरा से बनाई जा रही सुंदर और आकर्षक तस्वीरें

धान के पैरा से इस तरह कलाकृति की जाती है, जिसे देखकर एकबारकी कोई भी हैरत में पड़ जाता है. तस्वीर बनाने में कोई कलर का इस्तेमाल नहीं होता. केवल कार्टबोर्ड, काला-मेहरून-नीला कपड़े और फेवीकॉल की जरूरत होती है. ग्रामोद्योग विभाग के द्वारा आयोजित ट्रेनिंग में महिलाओं और युवतियों को पैरा शिल्प की हर बारीकी बताई जा रही है, ताकि इस कला को सीखकर वे आत्मनिर्भर बन सके और उन्हें घर बैठे रोजगार मिल सके. ट्रेनिंग ले रही महिलाएं और युवतियां भी कहती हैं कि पैरा शिल्प के बारे में जानने और सीखने में काफी उत्साह है. इस कला को सीखने के बाद उन्हें घर पर ही रोजगार मिल जाएगा, वहीं एक अलग हुनर सीखने की भी उनमें खुशी है.

ये भी पढ़ें- Bilaspur में खरीदी केंद्रों में जाम हुआ अरबों रुपए का धान, उठाव नहीं होने से हजारों किसान परेशान

चुड़ामणि सूर्यवंशी 15 साल से दे रहें इसकी ट्रेनिंग

ट्रेनर चुड़ामणि सूर्यवंशी के द्वारा 15 बरसों से पैरा शिल्प पर काम किया जा रहा है और अब तक 5 हजार से ज्यादा लोगों को पैरा आर्ट सीखा चुके हैं. उनका कहना है कि पैरा शिल्प के माध्यम में कोई भी तस्वीर बनाई जा सकती है. लोगों के द्वारा आर्डर भी दिया जाता है. चुड़ामणि सूर्यवंशी ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद महिलाओं और युवतियों को घर बैठे रोजगार मिल जाता है. साथ ही, सरकार द्वारा अन्य तरह से भी पैरा शिल्प से बनी तस्वीरों की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाता है.

धान का पैरा, जिसे बेकार की चीजें मानी जाती है, लेकिन कला साधना में जुटे चुड़ामणि सूर्यवंशी और उनकी टीम के द्वारा पैरा से ऐसी जीवंत तस्वीर उकेरी जाती है, जिसे देखकर हर कोई तारीफ करता है. पैरा शिल्प के माध्यम से आज चुड़ामणि सूर्यवंशी की खास पहचान बन गई है. ऐसे में जरूरत है, लोगों को ऐसी अनोखी कला को प्रोत्साहन देने की.

ज़रूर पढ़ें