Chhattisgarh: सुशासन के लिए IT का इस्तेमाल, विष्णुदेव सरकार की ठोस पहल, शासकीय योजनाओं को पारदर्शी बनाने की रणनीति
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव की सरकार सुशासन लाने के लिए IT का बड़े पैमाने में इस्तेमाल करेगी. जनकल्याणकारी योजनाओं से मॉनिटरिंग से लेकर वित्तीय प्रबंधन करों की वसूली, भूमि संबंधी रिकार्ड के पंजीयन, संधारण और संशोधन सहित सभी जरूरी क्षेत्रों में आईटी का इस्तेमाल होगा. सरकार की ओर से लोगों तक शासकीय योजनाओं की पहुंच का दायरा बढ़ाने के साथ ही प्रशासन को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस पहल करने जा रही है. सरकार के बजट में इन सभी विषयों को शामिल किया गया है. जनकल्याणकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अटल डैशबोर्ड की शुरूआत की गई है.
IT के उपयोग को प्रोत्साहित करना लक्ष्य
गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर हाल में ही देश के जाने-माने विशेषज्ञों के साथ IIM रायपुर में दो दिनों तक बौद्धिक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में सुशासन तथा नागरिक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी उपायों का चर्चा की गई. वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में रायपुर-भिलाई सहित आसपास के क्षेत्रों के स्टेट कैपिटल के रूप में विकसित कर विश्व स्तरीय आईटी सेक्टर तैयार करने का लक्ष्य हैय सभी विभागों में IT के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 266 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
IT पार्क की स्थापना की भी योजना
नवा रायपुर, अटल नगर में ‘लाईवलीहुड सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस’ एवं दुर्ग जिले में ‘सेंटर ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप’ स्थापित करने का लक्ष्य है. स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए इन्यूबेशन सेंटर की स्थापना, BPO-KPO को आकर्षित करने के लिए IT पार्क की स्थापना की भी योजना है. नवा रायपुर में IT आधारित रोजगार सृजन हेतु ‘प्लग एण्ड प्ले’ मॉडल का विकास किया जायेगा, इससे आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के नए अवसर विकसित होंगे.
GIS आधारित सॉफ्टवेयर होगा तैयार
बजट में छत्तीसगढ़ सेंटर फॉर स्मार्ट गवर्नेन्स की स्थापना सहित प्रदेश के 168 नगरीय निकायों में ई.गवर्नेन्स के तहत बजट एण्ड अकाउंटिंग मॉड्यूल स्थापित करने के प्रावधान शामिल किए गए हैं. 47 नगरीय निकायों में प्रॉपर्टी सर्वे किये जाने के लिए GIS आधारित सॉफ्टवेयर तैयार किया जायेगा. शासकीय धन के आय-व्यय की दैनिक निगरानी के लिए एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS- 2.0) प्रारंभ की जाएगी. पीएम वाणी के अंतर्गत प्रथम चरण में एक हजार ग्राम पंचायतों में WiFi के माध्यम से हॉट-स्पॉट इंटरनेट सुविधा दी जाएगी. वस्तु एवं सेवाकर के संकलन में सुधार एवं पारदर्शिता के लिए राज्य मुख्यालय में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की जायेगी. वस्तु एवं सेवा कर संबंधी अपीलीय मामलों के त्वरित निराकरण के लिए अधिकरण की स्थापना की जाएगी.
यह भी पढे़ं: Chhattisgarh: सुकमा में 7 सालों से चल रहा अवैध डामर प्लांट, बीमारी के शिकार हो रहे लोग
भू नक्शों की होगी जियो-रिफ्रेन्सिंग
भूमि-भवनों का हस्तांतरण तथा अन्य विविध पंजीकृत संव्यवहार के लिए राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (NGDRS) सॉफ्टवेयर का उपयोग सभी जिलों में लागू किया जाएगा. भू नक्शों का जियो-रिफ्रेन्सिंग कराया जाएगा और सभी भू खंड में यूएल पिन नंबर देते हुए भू आधार कार्ड जारी किया जाएगा. भू अभिलेखों को सिविल न्यायालयों से लिंक किया जाएगा. भूमि व्यपवर्तन की प्रक्रिया को ऑनलाईन और सरल किया जाएगा.