Chhattisgarh: महिला बाल विकास सचिव शम्मी आबिदी ने शुरू की रीपा में हुए घोटाले की जांच, जल्द सौपेंगी रिपोर्ट
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सरगुजा संभाग के अलग-अलग रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क में हुए घोटाले के जांच की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास की सचिव शम्मी आबिदी मिली है. बुधवार को जिला सरगुजा के विकासखण्ड लुण्ड्रा के बटवाही स्थित रीपा का उन्होंने निरीक्षण किया. वह यहां कुछ दिनों तक रहेंगी और दूसरे रीपा का भी निरीक्षण करेंगी. इसके बाद जांच पूरा होने पर सरकार को रिपोर्ट देंगी. सरकार ने 15 फरवरी को प्रदेश भर के 300 रीपा का जांच करने हर संभाग के लिए इसी तरह के अफसरों की ड्यूटी लगाई है. ‘विस्तार न्यूज़’ ने दो दिन पहले ही रीपा के बंद होने पर खबर प्रकाशित किया था और जांच में देरी पर सवाल उठाया था. इसके बाद अब जांच शुरू हो गई है.
कालीन निर्माण के कार्य में जुटी महिलाओं से की बात
जांच के लिए निरीक्षण के दौरान सचिव आबिदी ने रीपा अंतर्गत स्थापित कालीन निर्माण एवं सोया बड़ी निर्माण गतिविधियों का अवलोकन किया और स्थापित मशीनों के क्रियाशीलता की जांच की. उन्होंने कालीन निर्माण के कार्य में जुटी महिलाओं से मुलाकात कर निर्माण प्रक्रिया, आय, लागत और प्रशिक्षण के बारे में जानकारी ली. साथ ही महिलाओं का अनुभव जाना. हस्तशिल्प विभाग के प्रबंधक ने बताया कि महिलाओं को एडवांस प्रशिक्षण 3 माह तक दिया जाना है जिसके बाद सभी महिलाएं स्टेबल मार्केटिंग करेंगी. निरीक्षण के दौरान आबिदी ने रीपा गतिविधि एवं अधोसंरचना के निरीक्षण के साथ भूखंड, भवन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आदि की सुविधा का भी अवलोकन कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत CEO नूतन कंवर, महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक एस के चौबे, जनपद पंचायत लुण्ड्रा CEO केके जायसवाल, रीपा नोडल डॉ. प्रशांत शर्मा सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे.
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शम्मी आबिदी ने बालिका गृह का किया औचक निरीक्षण
महिला बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी ने सरगुजा जिला प्रवास के दौरान मानव संसाधन विकास परिषद की ओर से दर्रीपारा में संचालित बालिका बालगृह का भी औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सबसे पहले सभी बालिकाओं से उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल उन्नयन के सम्बन्ध में जानकारी ली. साथ ही बालिकाओं से चर्चा कर उनकी रूचि के संबंध में बातचीत की. उन्होंने बालिका गृह में उपलब्ध संसाधनों के साथ-साथ शयन कक्ष, कांउन्सिलिंग कक्ष, भोजन कक्ष और रसोई कक्ष का अवलोकन किया गया. इसके बाद उनकी ओर से बालिका गृह के सभी स्टाफ से उनके कार्य दायित्व और बच्चों के सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली गई. निरीक्षण के दौरान सभी व्यवस्थाएं अनुकूल पाए जाने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की.