Ram Mandir: बुंदेलखंड की ‘अयोध्या’ में प्राण प्रतिष्ठा से पहले उत्सव का माहौल, 22 जनवरी के लिए हो रही खास तैयारी, 600 साल पुराना है नाता

Ram Mandir: मान्यता है कि ओरछा के शासक मधुकरशाह कृष्ण भक्त थे. जबकि उनकी महारानी कुंवरि भगवान राम की उपासक थीं.
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ओरछा में तैयारियां तेज

Ram Mandir Consecration: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य तैयारी पूरी हो चुकी है. रामलला अब 48 घंटों के बाद अपने स्थायी मंदिर में होंगे, जिसका इंतजार भक्तों को सालों से था. लेकिन अयोध्या से करीब 5 सौ किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के ओरछा में भी उत्सव जैसा माहौल है. दोनों जगहों के बीच करीब छह सौ साल पुराना नाता रहा है. स्थानीय लोगों के बीच मान्यता है कि बुंदेला शासक मधुकरशाह की महारानी कुंवरि गणेश अयोध्या से रामलला को ओरछा ले आईं थीं.

अब अयोध्या में भव्य मंदिर तैयार होने के साथ ही ओरछा को भव्य बनाने का प्रयास जारी है. बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले निवाड़ी जिले के ओरछा में राम को भगवान नहीं बल्कि राजा के तौर पर पूजा जाता है. बीते साल राज्य सरकार के ओर से यहां श्री रामराजा लोक बनाने के लिए भूमि-पूजन किया गया था. तब राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री रामराजा मंदिर परिसर में भूमि-पूजन किया था और निर्माण कार्य की आधारशिला रखी थी.

उत्सव का माहौल

ओरछा में श्री रामराजा मंदिर परिसर में श्री राम राजालोक का भव्य निर्माण हो रहा है. लेकिन दूसरी ओर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान यहां उत्सव का माहौल है. रामराजा सरकार मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मंदिर को फूल से सजाने की तैयारी है. मंदिर में एक लाख दीप जलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. वहीं प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन नगर भोज का आयोजन भी किया जाएगा.

प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा करते हुए श्री रामराजा सरकार के दर्शन करने आए भक्त भावुक नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि हमारे राजा भगवान राम को उनके ही नगर में इतने लंबे वक्त तक टेंट में रहना पड़ा है जबकि हमारे यहां ओरछा में राजसी ठाठ के साथ विराजते हैं. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंदिर के पुजारियों में भी उत्साह है. इस दिन का यादगार बनाने की तैयारी मंदिर के पुजारी कर रहे हैं.

आकर्षक सजावट का काम जारी

ओरछा के गणेश द्वार पर सड़कों के दोनों ओर आकर्षक सजावट का काम जारी है. ये सजावट मंदिर के मेन गेट तक करने की तैयारी है. यहां स्थानीय लोग भी 22 जनवारी को दीपावली की तरह मनाने की तैयारी कर रहे हैं. मंदिर में होने वाले भंडारे के लिए बाहरी हिस्से में स्थित मैदान में तैयारी चल रही है. इसकी तैयारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर आम लोग कर रहे हैं. स्थानीय प्रशासन में इसमें पूरा सहयोग कर रहा है.

गौरतलब है कि श्री रामराजा सरकार के मंदिर में बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं और पयर्टकों का आना जारी है. उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए श्री रामराजा मंदिर में श्री रामराजा लोक का विकास किया जा रहा है. श्री रामराजा मंदिर परिसर लगभग 2.86 एकड़ में स्थित है. मंदिर के आसपास लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में श्री रामराजा लोक विकसित किया जा रहा है. प्रवेश द्वार पर भव्य दरबार गलियारे से बनाया जा रहा है.

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ओरछा आए थे भगवान राम

मान्यता है कि ओरछा के शासक मधुकरशाह कृष्ण भक्त थे. जबकि उनकी महारानी कुंवरि भगवान राम की उपासक थीं. इस वजह से दोनों के बीच अक्सर विवाद हो जाता था. एक बार जब मधुकरशाह ने महारानी को वृंदावन जाने का प्रस्ताव दिया तो उन्होंने मना कर दिया और अयोध्या जाने की जिद पर अड़ी रहीं, जिसपर राजा ने व्यंग्य किया था कि अगर तुम्हारे राम सच हैं तो उन्हें अयोध्या से ओरछा लाकर दिखाओ.

इसके बाद महारानी अयोध्या गईं और 21 दिनों तक तप किया था. लेकिन भगवान राम प्रकट नहीं हुए तो महारानी ने सरयू में छलांग लगा ली. मान्यता है कि भगवान उनकी भक्ति देखकर नदी के जल में ही उनकी गोद में जाकर बैठ गए, जिसके बाद महारानी भगवान राम अपनी गोद में लेकर अयोध्या आईं थीं.

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