‘AAP के साथ गठबंधन मजबूत नहीं, करना होगा बदलाव’, दिल्ली में हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा बयान
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ही सभी राजनीतिक पार्टियों अपने नतीजों का आकलन कर रही हैं. यूपी, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में इंडिया गठबंधन को फायदा हुआ तो एनडीए को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नतीजों की बात करें तो यहां गठबंधन के बवाजूद भी इंडिया गठबंधन का करारी हार से गुजरना पड़ा. यहां बीजेपी सभी सात सीटों पर जीत दर्ज कर एक बार फिर क्लिन स्वीप करने में सफल रही है.
इस बीच दिल्ली कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए आप-कांग्रेस गठबंधन पर बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि क्या गलत हुआ, क्या अरविंदर सिंह लवली के जाने से चुनाव नतीजों पर असर पड़ा और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर क्या असर पड़ेगा?
ये भी पढ़ें- सीएम Arvind Kejriwal को कोर्ट से लगा तगड़ा झटका, 19 जून तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
दिल्ली में क्यों फेल हुआ इंडिया गठबंधन
कांग्रेस और उसके गठबंधन ने अन्य राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया है. दिल्ली में क्या समस्या थी? इस सवाल के जवाब कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि इसे समझने के लिए हम जमीनी नेताओं से बात करेंगे. हमें समझना होगा कि क्या गलत हुआ. हम कल कुछ जमीनी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, जिसके बाद हम आगे का रास्ता तय करेंगे. वहीं, कन्हैया कुमार से जुड़े सवाल, क्या कन्हैया कुमार का दिल्ली से बाहर का होना नतीजों पर असर पड़ा? इस पर यादव ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि मनोज तिवारी भी बाहरी हैं.
“कन्हैया ने अपनी ड्यूटी निभाई”
देवेंद्र यादव ने कहा कि कन्हैया ने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई, लेकिन उनके पास बहुत कम समय था और उन्हें बहुत ज़्यादा जगह कवर करनी थी. दूसरी समस्याएं भी थीं, जैसे कि दूसरे पक्ष ने हमारे कार्यकर्ताओं को प्रभावित करने, हमारे नेताओं को लुभाने और मतदान के दिन लंबी कतारें लगाकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की. लेकिन, मैं यह भी स्वीकार कर सकता हूं कि हमारा गठबंधन पर्याप्त मज़बूत नहीं था. गठबंधन को फिर से खड़ा करने की ज़रूरत है, इस गठबंधन को मज़बूत करने के लिए बहुत कुछ करने की ज़रूरत है.
धन संबंधी समस्या क्या थी? इस सवाल जबाव में दिल्ली कांग्रेस चीफ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे पास धन की कमी है, लेकिन कई लोग ऐसे भी थे जो उम्मीदवारों के साथ-साथ पार्टी की मदद के लिए आगे आए.
“लवली को कांग्रेस छोड़ने से कोई नुकसान नहीं”
लवली के जाने से पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ा? इस पर यादव ने कहा कि इससे हमारे कार्यकर्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वे आदतन दलबदलू हो चुके थे. वे अपने साथ कुछ और आदतन दलबदलुओं को ले जाने के अलावा कुछ खास बदलाव नहीं कर सकते थे. लेकिन हां, अगर कोई प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुनाव के बीच में पार्टी छोड़ देता है, तो हमारी धारणा पर इसका असर पड़ना लाजिमी है.
उम्मीदवारों के घोषणा में हुई देर
पीछे मुड़कर देखें तो क्या अलग ढंग से किया जाना चाहिए था? इस सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि गठबंधन को मजबूत करने के साथ-साथ सामाजिक समूहों से जुड़ना भी जरूरी था. हमें समाज के अलग-अलग तबकों से जुड़ना होगा…हमने छोटे व्यापारियों, गांव के लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं, महिलाओं, शिक्षकों और प्रोफेसरों के साथ 4-5 टाउन हॉल चर्चाएं आयोजित कीं…हमने कोशिश की…लेकिन अब हमें इसे नियमित आधार पर करना होगा. अब से हम उम्मीदवारों की घोषणा भी पहले करने की कोशिश करेंगे, ताकि पार्टी का नेतृत्व करने का मौका जिसे भी मिले, चाहे मैं या कोई और, उसे पर्याप्त समय मिले.