फिल्म ‘बस्तर’ के डायलॉग में JNU को लेकर किया था कमेंट, Adah Sharma ने अब दी सफाई
Adah Sharma: अदा शर्मा की फिल्म बस्तर: द नक्सल स्टोरी 15 मार्च को रिलीज होगी. इस साल की शुरुआत में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों इस फिल्म के टीज़र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही निर्माताओं और कलाकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इस बीच एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अदा ने टीजर में अपनी जेएनयू विरोधी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा, “जब आप नीरज माथुर जैसे सख्त पुलिसकर्मी का किरदार निभाते हैं, तो आपको कैमरे पर उस रूप में ढलना होगा.
अदा शर्मा ने आगे कहा, मैं चाहती हूं कि लोग सोचें कि मैंने उस किरदार को सबसे मजबूत, सबसे निडर और शक्तिशाली तरीके से निभाया है. मैं चाहती हूं कि लोग फिल्म में मेरे कहे हर शब्द पर विश्वास करें. जब वह कहती है कि 76 जवानों को मार डाला गया और वह उन्हें गोलियों से भून देना चाहती है, तो वह ऐसा हताशा के कारण कह रही है क्योंकि उसने जवानों को गोली मारते और टुकड़ों में काटते देखा था. मैं इसे अदा के रूप में नहीं कह सकती लेकिन नीरजा के रूप में कहूंगी.”
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि फिल्म बस्तर: द नक्सल स्टोरी के टीज़र में अदा शर्मा एक पुलिस अधिकारी की भूमिका में हैं. फिल्म में वह बड़े शहरों के ‘वामपंथी झुकाव वाले बुद्धिजीवियों’ को सार्वजनिक रूप से फांसी देने का आह्वान करती है जो ‘नक्सलियों के साथ’ हैं. फिल्म के एक सीन में वह जेएनयू का नाम उस जगह के रूप में लेती है जहां छात्रों ने कथित तौर पर छत्तीसगढ़ के बस्तर में सीआरपीएफ अधिकारियों की नक्सलियों द्वारा हत्या का जश्न मनाया था. अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान फिल्म के पोस्टर जलाने वाले जेएनयू छात्रों ने निर्देशक पर ‘खतरनाक प्रचार फैलाने और हिंसा भड़काने’ का आरोप लगाया था.
आइशी घोष ने की थी कार्रवाई की मांग
इस फिल्म की डायलॉग को लेकर जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, जेएनयू छात्रों के नरसंहार के खुले आह्वान के लिए हम सुदीप्तो सेन, अदा शर्मा और विपुल अमृतलाल शाह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं. लोगों को गुमराह करने के लिए ऐसा कदम एक आपराधिक कृत्य है.’ सभी कानूनी कदम उठाए जाएंगे और हम छात्र वीसी से तत्काल कार्रवाई करने की अपील करते हैं.