कानूनी विवाद में फंसी ‘Jolly LLB 3’, अक्षय कुमार और अरशद वारसी को पुणे कोर्ट का नोटिस, इस दिन होगी पेशी

Jolly LLB 3: फिल्म के टीजर में अक्षय और अरशद को वकीलों की पोशाक (बैंड) पहने हुए प्रचार करते देखा गया, जिसे याचिकाकर्ताओं ने पेशे की गरिमा को कम करने वाला बताया.
Jolly LL.B 3

ओटीटी पर रिलीज होगी ‘जॉली एलएलबी 3’

Jolly LLB 3: बॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘Jolly LLB 3’ अपनी रिलीज से पहले ही कानूनी पचड़े में फंसती दिख रही है. पुणे सिविल कोर्ट ने फिल्म के मुख्य एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और अरशद वारसी (Arshad Warsi) को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में उनसे 28 सितंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है. यह नोटिस वकील वाजिद खान बिदकर और गणेश म्हस्के की याचिका के बाद जारी किया गया.

कोर्ट में दायर याचिका में फिल्म पर आरोप लगे हैं कि इसमें वकीलों और जजों को जिस तरह पेश किया गया है, वह अपमानजनक है. याचिकाकर्ता ने खासतौर पर एक सीन पर आपत्ति जताई है, जिसमें जजों को ‘मामू’ कहकर संबोधित किया गया है.

न्यायपालिका का अपमान

पुणे के वकील वाजिद खान बिदकर और गणेश म्हस्के ने अपनी याचिका में दावा किया कि ‘Jolly LLB 3’ में वकीलों और जजों को अपमानजनक और अशोभनीय तरीके से चित्रित किया गया है. विशेष रूप से, उन्होंने फिल्म के टीजर में एक दृश्य पर आपत्ति जताई, जिसमें जजों को ‘मामू’ (एक बोलचाल का अपमानजनक शब्द) कहा गया है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह दृश्य और फिल्म का समग्र चित्रण न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाता है और वकालत पेशे को हास्यास्पद बनाता है.

इसके अलावा, टीजर में अक्षय और अरशद को वकीलों की पोशाक (बैंड) पहने हुए प्रचार करते देखा गया, जिसे याचिकाकर्ताओं ने पेशे की गरिमा को कम करने वाला बताया. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है और मामले को गंभीरता से लेते हुए 12वें जूनियर डिविजन सिविल जज जे.जी. पवार ने दोनों एक्टर और निर्माताओं को समन जारी किया है.

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पहले भी विवादों में रही फिल्म

यह पहली बार नहीं है जब Jolly LLB 3 को लेकर विवाद हुआ है. मई 2024 में, अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रभान सिंह राठौड़ ने फिल्म के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसमें दावा किया गया था कि Jolly LLB फ्रैंचाइज़ी भारतीय न्यायपालिका का अनादर करती है. चंद्रभान ने कहा कि फिल्म में वकीलों और जजों को ‘हास्यास्पद और अशोभनीय’ तरीके से दिखाया गया है, जो देश की संवैधानिक न्याय व्यवस्था की गरिमा के खिलाफ है. उन्होंने अजमेर में फिल्म की शूटिंग पर रोक लगाने की मांग भी की थी. हालांकि, जून 2025 में राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था.

पुणे कोर्ट ने अक्षय कुमार, अरशद वारसी और फिल्म के निर्देशक सुभाष कपूर को 28 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ताओं ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है, और 28 सितंबर की सुनवाई इस मामले में निर्णायक हो सकती है.

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