PM Modi के प्रति Kangana Ranaut की दिखी ‘भक्ति’, प्रधानमंत्री को बताया ‘अवतार’, बोलीं- असली आजादी अब मिली

Kangana Ranaut: कंगना रनौत ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी 'भक्ति' खुल कर दिखाई. कंगना ने इस दौरान पीएम मोदी को 'अवतार' बताया.
Kangana Ranaut

कंगना रनौत

Kangana Ranaut: हिमाचल के मंडी से सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी ‘भक्ति’ खुल कर दिखाई. कंगना ने इस दौरान पीएम मोदी को ‘अवतार’ बताया. इसक साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद को असली आजादी बताया.

सली आजादी तो अब मिली- कंगना

सोमवार, 7 अप्रैल को कंगना रनौत जोगेंद्रनगर, लडभड़ोल, बीड़ रोड और लडभड़ोल में जनसभा को संबोधित करने पहुंची थी. अपने संबोधन के दौरान कंगना रनौत ने कहा कि पहले मैं मतदान में हिस्सा नहीं लेती थीं, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रति विश्वास इतना बढ़ा कि अब राजनीति में आ गई हूं. हमें असली आजादी तो अब मिली है.

पीएम इंसान नहीं ‘अवतार’- कंगना

सांसद कंगना रनौत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सामान्य नागरिक नहीं, बल्कि अवतार बताया है. कंगना ने कहा- ‘पहले भी प्रधानमंत्री हुए, लेकिन एक संघर्ष का वक्त रहा था. अनुच्छेद-370 की आड़ में लूट मची थी, तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं का शोषण किया जा रहा था. कांग्रेस राज में देश को केवल लूटा जा रहा था. अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने काफी मेहनत की. जब 2014 में जब नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए तो साथ में बदलाव आया. इसलिए कहा जाता है वह साधारण नागरिक नहीं बल्कि अवतार हैं. लोगों में उनके प्रति विश्वास है. मोदी ने कांग्रेस के गुंडाराज से आजादी दिलाई है.’

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कंगना ने आगे अपने संबोधन में कहा कि संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं, जबकि कई राज्यों में एक संसदीय सीट में चार-पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं. सबको बराबर पैसा मिलता है. वह इस मामले को संसद में रखेंगी कि बजट क्षेत्र के आधार पर मिले. जब भी केंद्र सरकार देशहित का काम करती है तो कांग्रेस सांसद ही नहीं उनके नेता भी विरोध में उतर आते हैं. चाहे कोई विधेयक संसद में पेश किया जाए या कोई कानून बनाया जाए तो कांग्रेसी समेत उनके नेता सड़कों पर उतरकर अराजकता फैलाने की चेतावनी देते हैं. वक्फ बोर्ड जैसे काले कानून को संशोधित कर एक समान नागरिकता और मालिकाना अधिकार देने का निर्णय ऐतिहासिक है, लेकिन विपक्ष को यह रास नहीं आ रही है.

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