Chandu champion से Sushant Singh Rajput का है खास कनेक्शन, ये एक्टर पूरा करेगा अधूरा सपना

Chandu champion: सुशांत सिंह राजपूत का एक अधूरा सपना था, जिसे कार्तिक आर्यन पूरा करने वाले हैं.
Kartik Aaryan

कार्तिक आर्यन व सुशांत सिंह राजपूत

Chandu champion: दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक में ‘धोनी’ का रोल निभाकर अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया था. ‘एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी’ के बाद सुशांत एक और स्पोर्ट्स हीरो की लाइफ पर फिल्म करने वाले थे, जिसका टाइटल उस वक्त निधारित नहीं किया गया था. लेकिन आज वो फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ के नाम से बन रही है.

डायरेक्टर कबीर खान की चंदू चैंपियन में लीड रोल कार्तिक आर्यन प्ले कर रहे हैं. पहले ये फिल्म सुशांत सिंह राजपूत करने वाले थे. चंदू चैंपियन सुशांत सिंह राजपूत के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक थी. इसके लिए सुशांत ने फिल्म के रीयल हीरो मुरलीकांत पेटकर से मुलाकात भी कर ली थी. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 में सुशांत ने खिलाड़ी की कहानी के प्रति अपनी गहरी रुचि व्यक्त की थी और जब से उन्हें ये सुनाई गई थी, तब से वो मंत्रमुग्ध हो गए थे. सुशांत को अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुरलीकांत पेटकर के जुनून और दृढ़ संकल्प से प्रेरणा मिली. हालांकि सुशांत का ये सपना अधूरा ही रह गया. अब इस सपने की पूरा करने का जिम्मा कार्तिक आर्यन ने अपने कंधों पर उठाया है.

कार्तिक करेंगे सुशांत का सपना पूरा

कबीर खान के डायरेक्शन में बनने वाली फिल्म चंदू चैंपियन में कार्तिक मुरलीकांत पेटकर का रोल करने वाले हैं. कहीं ना कहीं उनके सामने सुशांत की फिल्म करने का प्रेशर है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कार्तिक आर्यन अपने किरदार में फिट बैठने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं. उन्हें किरदार से जुड़े कई खेलों में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. वो हाई फीवर में भी फिल्म के स्पेशल अंडरवॉटर सीन्स की शूटिंग कर चुके हैं.

पहली बार काम करेंगे ये सितारे

चंदू चैंपियन में जहां कार्तिक आर्यन लीड रोल कर रहे हैं, वहीं एक्ट्रेस के रूप में श्रद्धा कपूर नजर आएंगी. सिल्वर स्क्रीन पर श्रद्धा और कार्तिक पहली बार साथ नजर आने वाले हैं. साथ ही डायरेक्टर कबीर खान भी इन दोनों के साथ पहली बार ही काम करेंगे.

मुरलीकांत पटेकर के संघर्ष की कहानी

‘चंदू चैंपियन’ युद्ध नायक मुरलीकांत पेटकर की लाइफ से इंस्पायर्ड है, जो फिजिकली डिसएबल्ड आर्मी के दिग्गज और खिलाड़ी हैं. उन्होंने 1970 में राष्ट्रीय खेलों में और 1972 में जर्मनी में समर पैरालंपिक में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था. बता दें कि सन 1972 में मुरलीकांत पेटकर ने 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी के लिए जर्मनी के हीडलबर्ग में भारत को पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक दिलाया था.

युद्ध में जख्मी होने के बाद की वापसी

मुरलीकांत पेटकर 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान कश्मीर के सियालकोट सेक्टर में सेक्टर थे. उसके बाद वो दुश्मनों की गोलियों का शिकार हो गए थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 1968 में वापसी की. उन्होंने पैराओलंपिक खेलों में अपना जौहर दिखाया.

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