Raid 2 Review: सत्ता और कानून के जबरदस्त टकराव के बीच अजय देवगन की हल्की परफॉर्मेंस, रितेश और अमित सियाल ले गए लाइमलाइट

Raid 2 Review: अजय देवगन, रितेश देशमुख और वाणी कपूर की फिल्म रेड 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस मूवी को देखने जाने से पहले पढ़ लें पूरा रिव्यू-
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रेड 2 पोस्टर इमेज

Raid 2 Review: अजय देवगन की फिल्म रेड जब आई थी तो वो एक सरप्राइज हिट थी. कई सारे ऐसे एलिमेंट उसमें थे जो बहुत रोचक थे और मूवी को देखने में भी मजा आया था. इसके बाद 1 मई को सिनेमारघरों में रेड 2 ने दस्तक दे दी है. अगर आप भी इस मूवी को देखने जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पहले उसका रिव्यू जान लीजिए.

फिल्म की कहानी क्या है ?

फिल्म का नाम नाम रेड है तो रेड पड़ेगी ही. मूवी में रेड रितेश देशमुख के यहां पड़ती है, जो एक बड़े नेता हैं. एक इलाके में उनका दबदबा है और अजय देवगन को पता चलता है कि कुछ गड़बड़ है. इतना पैसा कैसे आ रहा है और वो इस आदमी के पास अपने करियर की 75वीं रेड मारते हैं, लेकिन रेड फेल हो जाती है. फिर अजय देवगन इनकम टैक्स ऑफिसर से डिटेक्टिव बन जाते हैं. वह पुलिस वाले बन जाते हैं मतलब जेम्स बॉन्ड और ब्योमकेश बक्शी भी बन जाते हैं. सब कुछ बन जाते हैं लेकिन अमय पटनायक नहीं बन पाते हैं. यही करते करते फिल्म खत्म हो जाती है. कहीं-कहीं फिल्म में कुछ एलिमेंट्स ऐसे डाले गए हैं, जो फिल्म को रफ्तार देने का काम करते हैं और कुछ देर के लिए आपका इंट्रेस्ट जागता है लेकिन ये नाकाफी साबित होता है.

म्यूजिक

अमित त्रिवेदी ने फिल्म का म्यूजिक कंपोज किया है, लेकिन फिल्म का म्यूजिक उतना खास नहीं लगता. रेड 1 का जो गाना था ‘ब्लैक जमा है’ उसे ही दोबारा इस्तेमाल किया गया है और इसके अलावा 1 -2 रोमांटिक गाने जो आपको याद भी नहीं रहेंगे वो हैं. बढ़ती लोकप्रियता के कारण तमन्ना भाटिया का भी एक आइटम सांग है, लेकिन वो भी याद नहीं रहता. जबकि रेड 1 के गाने हमें आज तक याद हैं. कुल मिलाकर अमित त्रिवेदी ने इस बार म्यूजिक के मामले में निराश किया है.

कलाकारों की एक्टिंग

अजय देवगन की एक्टिंग यहां बिल्कुल इंप्रेसिव नहीं है. अजय देवगन इतने थके हुए लगते हैं कि जैसे वो एक्टिंग में इंटरेस्टेड ही ना हो. पिछली 4-5 फिल्म खास तौर पर दृश्यम 2 के बाद से से हमने यह देखा है की उनमे वो रेड 1 वाली एनर्जी ही नहीं बची है. मतलब अजय देवगन क ऐसे एक्टर हैं, जो आंखों से एक्टिंग कर लेते हैं. लेकिन यहां हर चीज में एक ही एक्सप्रेशन है. हालांकि, अजय का स्क्रीन प्रेसेंस आज भी कमाल है. बस वो पहले वाले अमय पटनायक लग पाने में थोड़ा हलके रह जाते हैं.

रितेश देशमुख ने अपना किरदार बढ़िया से निभाया है. उन्हें देख कर और उनके डायलॉग्स सुनकर मजा आ रहा है, लेकिन जब अजय देवगन डायलॉग बोलते हैं तो समझ में नहीं आता. इस मूवी में एक एक्टर हैं, जो अपनी एक्टिंग से पूरी लाइमलाइट ले गए वो हैं अमित सियाल. अमित सियाल का किरदार पूरी फिल्म में सबसे शानदार है. अमित सियाल की एक्टिंग हर एक्टर पर भारी लगती है.

वहीं, वाणी कपूर ने तो शायद यह फिल्म सिर्फ इसलिए की है कि यह बता पाएं कि इस बार इलियाना डी क्रूज नहीं हैं और इसलिए भी की अजय देवगन के साथ फिल्म मिल रही है. फिल्म में उनका किरदार अजय देवगन की पत्नी का है और बस उतना ही है. वह बीच-बीच में दिखती हैं तो याद आता है कि वो भी हैं. सौरभ शुक्ला के साथ यहां ठीक नहीं किया गया है. वह इतने कमाल के एक्टर हैं, लेकिन छोटा सा कैरेक्टर उनको दिया गया क्योंकि रेड-1 से वो जुड़े थे.

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डायरेक्शन

राज कुमार गुप्ता ने रेड 2 का निर्देशन किया है. रेड 1 भी उन्होंने ने ही बनाई थी और इस बार उन्होंने 5 लोगों के साथ मिलकर ये स्टोरी लिखी, लेकिन फिर भी वो मजबूती नहीं दे पाए जो पार्ट 1 में दी गई थी. हालांकि, उनकी कोशिश अच्छी है लेकिन इतने टैलेंटेड एक्टर्स की फौज खड़ी करके भी उनसे वो काम नहीं निकलवा पाए, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.

ओवरऑल रिव्यू

कुछ फिल्मों का पार्ट टू शायद नहीं बनना चाहिए और अगर बने तो पूरी शिद्दत से बने. रेड वन बनी तो बहुत मजा आया लेकिन कुछ कहानियों को पहले ही पार्ट में खत्म कर देना चाहिए यानी खींचना नहीं चाहिए. नई कहानियों पर मेहनत करनी चाहिए और अगर खींच भी रहे हैं तो ब्रांड वैल्यू खत्म न हो इसका ध्यान रखना चाहिए. बॉलीवुड शायद यहीं पीछे छूट गया है इसलिए बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं हो पा रहा. विस्तार न्यूज की तरफ से रेड टू को पांच में से 3 स्टार.

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