Thamma Movie Review: आयुष्मान-रश्मिका की शानदार एक्टिंग का तड़का, इंसानों और राक्षसों की अलग दुनिया में ले जाएगी फिल्म

Thamma Movie Review: आयुष्मान खुराना ने बहुत बढ़िया काम किया है. उन्हें अब तक हमने ज्यादातर ऐसे रोल किए हैं, जिनमें सोसाइटी के लिए कोई मैसेज होता है लेकिन यहां वो फुल ऑन एंटरटेनिंग मोड में है. ये उनका अब तक का सबसे बढ़िया रोल है
thamma movie review

थम्मा मूवी रिव्यू

Thamma Movie Review: आज से सात साल पहले जब ‘स्त्री’ रिलीज हुई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह फिल्म अपनी जबरदस्त सक्सेस के साथ एक हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स को जन्म देगी. एक ऐसा यूनिवर्स जो आपको डर और हंसी दोनों बराबर मात्रा में देता है, तो ‘स्त्री 2’ की सुपरहिट सक्सेस के बाद अब इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्म में से एक ‘थम्मा’ रिलीज हो गयी है और ये इस यूनिवर्स की पांचवीं कड़ी है. ‘स्त्री’, ‘भेड़िया’, ‘मुंज्या’ और ‘स्त्री 2’ के बाद थम्मा भी क्या वैसे ही एंटरटेन कर पायी ये जानने के लिए मैंने ये फिल्म देखी, तो ये फिल्म कैसी है विस्तार से बताता हूं

क्या कहती है ‘थम्मा की कहानी’?

तो इसकी कहानी क्या है? कहानी है इंसानों और बेतालों की आलोक यानी आयुष्मान खुराना एक इंसान जो की एक जर्नलिस्ट भी है वो घने जंगलों में ट्रेकिंग करने जाता है. जहां उस पर अचानक एक भालू हमला करता है लेकिन वहां उसकी जान बचाती है, एक रहस्यमयी लड़की ताड़का यानी रश्मिका मंदाना जो अमर बेतालों की प्रजाति से है और इसके पास कई सारी शक्तियां हैं. ये लोग कभी इंसानों का खून पीकर जिंदा रहते थे, लेकिन अब उन्होंने इंसानी दुनिया से दूरी बना ली है. इन बेतालों का सरदार यक्षशासन यानी नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी इस नियम के खिलाफ था, इसलिए उसे सौ साल के लिए गुफा में कैद कर दिया. अब इसके बाद आलोक और ताड़का के बीच प्यार और रोमान्स पनपता है, लेकिन ताड़का जानती है कि वह इंसानी दुनिया का हिस्सा नहीं बन सकती है. जब वह आलोक से दूर जाने की कोशिश करती है, तो आलोक का एक्सीडेंट हो जाता है. उसे बचाने के लिए ताड़का उसका खून पी लेती है, जिससे आलोक भी बेताल बन जाता है.

अब नियम तोड़ने की सजा में ताड़का को कैद कर लिया जाता है और नवाज़ुद्दीन आजाद हो जाते हैं. दूसरी तरफ यूनिवर्स के दूसरे योद्धा भेड़िया यानी वरुण धवन भी आलोक के खून का प्यासा है क्योंकि उसके भीतर ‘थाम्मा रक्त’ बह रहा है, जो भेड़िये को सर्वशक्तिमान बना सकता है. अब आलोक को एक साथ तीन जगह लड़ना है- यक्षशासन से मानवता को बचाना है, भेड़िये से खुद को बचाना है और अपने प्यार ताड़का को छुड़ाना है तो अलोक कैसे ये सब करेगा इसके लिए आपको सिनेमा हॉल की तरफ भागना होगा.

जबरदस्त एक्टिंग का तड़का

आयुष्मान खुराना ने बहुत बढ़िया काम किया है. उन्हें अब तक हमने ज्यादातर ऐसे रोल किए हैं, जिनमें सोसाइटी के लिए कोई मैसेज होता है लेकिन यहां वो फुल ऑन एंटरटेनिंग मोड में है. ये उनका अब तक का सबसे बढ़िया रोल है. रश्मिका मंदाना का काम अच्छा है. वो बेताल के किरदार में हैं और ये उनके लिए भी अलग तरह का किरदार है और ट्रेलर आने के बाद लोग पूछ रहे थे कि रश्मिका ने इस तरह के के कपड़े क्यों पहने हैं तो भैया फिल्म देखो वो अच्छे से जस्टिफाई हो जायेगा. नवाज़ुद्दीन सिद्धिकी ने बढ़िया काम किया है लेकिन उनको स्क्रीन स्पेस कम मिला है. परेश रावल की कॉमिक टाइमिंग शानदार है लेकिन सबसे ज्यादा पंचायत के प्रहलाद चाचा यानी फैसल मालिक को देखकर मजा आता है. वो एक दम अलग रोल में हैं. अपने बाहुबली वाले कटप्पा यानी सत्यराज ने भी एक सीन में अच्छा काम किया है.

सचिन-जिगर का शानदार म्यूजिक

संगीत की बात की जाए, तो सचिन-जिगर के रचे म्‍यूजिक में, ‘तुम मेरे न हुए’ काफी हिट हो चुका है, जबकि ‘दिलबर की आंखों का’ और ‘पॉइजन बेबी’ भी पसंद किए जा रहे हैं और सभी गाने एकदम परफेक्टली सिंक किये गए है, परिस्थिति के हिसाब से. कोई गाना जबरदस्ती घुसाया हुआ नहीं लगता. मलाइका अरोरा और नोरा फतेही के आइटम सांग्स काफी बढ़िया लगते हैं. डायरेक्टर आदित्य सरपोतदार ने कहानी के साथ-साथ वीएफएक्स और सेट्स पर काफी काम किया है और टेक्निकली भी इसे अच्छी फिल्म बनाया है.

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ओवरऑल कैसी है फिल्म?

ओवरआल फिल्म की बात करें तो फर्स्ट हाफ मुझे ठीक-ठाक लगा लेकिन इंटरवेल जब हुआ तो शॉक लगा. सेकंड हाफ बहुत बढ़िया लगा. दो कैमियोस आते हैं एक मैंने बता दिया और दूसरा आप फिल्म में देखना क्योंकि भाई स्पइलर नहीं दूंगा. देखो मुझे इस फिल्म ने थ्रूउ एंटरटेन किया. हॉरर कॉमेडी हर चीज का एक बैलेंस है. हां, मुझे देख के ये जरूर लगा कि ये हॉरर कॉमेडी नहीं इसका कुछ और ही यूनिवर्स होनाचाहिए था. मैडॉक वालों की इसलिए तारीफ करनी होगी कि वो कुछ नया ट्राई करते हैं. ये फिल्म मेरे हिसाब से एक बढ़िया फिल्म है.

आप फैमिली के साथ देखिए. इस तरह का कोई सीन नहीं है कि बच्चे अनकंफर्टेबल हो जाएंगे और आपको थैंक यू बोलेंगे क्योंकि बच्चों को इस तरह की जो कहानियां होती है, ना बेताल और इंसान ये फेंटसाइज करती हैं और ये उसी तरह की कहानी है. वीएफएक्स मुझे लगा कि थोड़े और बेहतर हो सकते थे, लेकिन देखिए परफेक्ट कोई भी फिल्म नहीं होती. ये कोई मास्टर पीस फिल्म नहीं है, लेकिन ये एक अच्छी फिल्म है. दिवाली पर और क्या चाहिए भाई? परफेक्ट दिवाली एंटरटेनर है. जाइए देखिए, मेरी तरफ से पांच में से 4 स्टार्स.

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