Mandala Murders Review: YRF और Netflix की जोड़ी ने किया कमाल, वाणी कपूर का शानदार अभिनय, सीट से उठने नहीं देती ये सीरीज
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Mandala Murders Review: इन दिनों हम कहते हैं कि फिल्ममेकर्स के पास नई कहानियां नहीं हैं. लगातार पुरानी कहानियों को घिस-घिस के नया बनाया जा रहा है, लेकिन अभी नेटफ्लिक्स पे एक ऐसी सीरीज आयी है जिसे देख कर मुझे लगा की हां कुछ नया आया है भाई जी हां इस सीरीज का नाम है मंडला मर्डर्स अब जैसा की सीरीज के नाम में मर्डर है तो पता चल जाता है कि कोई मर्डर मिस्ट्री ही होगी. आखिरी में एक कातिल निकलेगा और हो सकता है कि बेचारे कंटेट का ही मर्डर हो जाए लेकिन ये सीरीज ऐसी बिल्कुल नहीं है. ये आपको चौंका देती है, आपको एक अलग दुनिया में ले जाती है. मंडल की दुनिया, अब ये दुनिया किसने बनाई, क्या है इसका राज आइये जानते हैं.
कहानी
ये कहानी है चरणदासपुर नाम की एक जगह की जहां एक बाबा लोगों को वरदान देता है. वरदान मांगने वाले को अपना अंगूठा के अजीब सी मशीन में डालना होता है, अंगूठा कट जाता है और वरदान मिल जाता है. फिर चाहे वो अमर होने का वरदान ही क्यों ना हो. इसके बाद एक के बाद एक मर्डर होने लगते हैं और मर्डर भी नॉर्मल तरीके से नहीं होते. हर मर्डर एक अलग पैटर्न पर होता है, और ये अपने आप में एक रहस्य है और ये सबकुछ जुड़ा है एक मंडल से, अब क्या है ये मंडल, इसके लिए आपको ये सीरीज देखनी होगी.
एक्टिंग
वाणी कपूर यहां एक ऑफिसर बनी हैं जो इस पूरे मामले की जांच करती है. ये वाणी के पिछले सारे किरदारों से अलग है. अब तक हमने उन्हें ग्लैमरस रोल में देखा लेकिन यहां वो चौंकती है और इस किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है. गुल्लक में दिखे वैभव राज गुप्ता को देखकर लगता है कि क्या कमाल का टैलेंट है. गुल्लक से एक दम उल्टा किरदार और इतनी शानदार एक्टिंग. वैभव लंबी रेस को घोड़े हैं. सुरवीन चावला ने कमाल का काम किया है, उनकी स्क्रीन प्रेंजेस वैसे भी कमाल की है और यहां वो इस किरदार में कमाल तरीके से सूट हुई हैं. श्रिया पिलगांवकर का काम अच्छा है, वो कम स्क्रीन स्पेस में भी इम्प्रेस करती हैं. जमील खान एक अलग तरह के लुक और किरदार में है और उनका काम भी शानदार है. रघुवीर यादव छोटे से रोल में कमाल कर गए हैं.
राइटिंग और डायरेक्शन
इस सीरीज को मनन रावत और गोपी पुथरन ने मिलकर बनाया है और उन्होंने अपना काम बहुत अच्छे से किया है. इस सीरीज की राइटिंग कमाल की है और जिस तरह से इसे बनाया गया है वो काबिले तारीफ है. कुछ नया करने की ये कोशिश पूरी तरह से कामयाब होती है. ये सीरीज कमाल तरीके से आपको बताती है और आपको कुछ नया देखने को मिलता है. यशराज और नेटफ्लिक्स की जोड़ी वैसी भी कमाल करती है. ‘दी रेलवे मैन’ मे हम देख चुके हैं और यहां भी ये कमाल है बेमिसाल है.
कैसी है सीरीज
साउथ से रिलेटेड कंटेंट की तारीफ़ इस वजह से ही की जाती है. कि यहां आपको कहानी मिलती है और चौंकाने वाली कहानी मिलती है. आप कभी भी ये अंदाजा नहीं लगा पाते कि क्या होगा, कहानी को कमाल तरीके से गढ़ा गया है. स्क्रीन से एक सेकेंड भी आपकी नजर नहीं हटेगी और अगर हट गई तो कहानी समझ में नहीं आएगी. ये ऐसी सीरीज है जो आपको बड़े ध्यान से देखनी होगी. इस सीरीज में एक अलग दुनिया क्रिएट की गई है. मंडल की दुनिया, और वो दुनिया जिस तरह से दिखाई गई है वो कमाल है. 8 एपिसोड की ये सीरीज कहीं भी खिंची हुई नहीं लगती, हर सीन जरूरी लगता है. कहीं नहीं लगता कि छोटी होती या ये सीन काट देते वगैरह वगैरह और यही अच्छे कंटेंट की पावर होती है कि आपको बांधकर रखे. कुल मिलाकर ये सीरीज कुछ नया देती है, कुछ अलग दिखाती है. इस सीरीज को 5 में से 4 स्टार दिये जा सकते हैं.