Yuzvendra Chahal-Dhanashree का हुआ तलाक, फैमिली कोर्ट ने दिया फैसला, Alimony में चहल देंगे धनश्री को 4.75 करोड़
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का हुआ तलाक
Yuzvendra Chahal-Dhanashree: कई महीनों से चल रहे बवाल पर आखिर कार फुल स्टॉप लग ही गया. भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के बीच तलाक हो गया. बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर बांद्रा फैमिली कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया.
आज सुबह ही युजवेंद्र चहल और धनश्री मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट पहुंचे थे. युजवेंद्र के वकील नितिन गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को चहल की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैमिली कोर्ट को 20 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया था.
प्यार फिर शादी और अब हुआ तलाक
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस माधव जामदार की सिंगल बेंच ने कहा था कि चहल 21 मार्च से उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें IPL में हिस्सा लेना है. इसके बाद आज यानी गुरुवार को बांद्रा फैमिली कोर्ट ने दोनों के तलाक को मंजूरी दे दी है. युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा ने दिसंबर, 2020 में शादी हुई थी. मगर दोनों जून, 2022 से अलग रह रहे हैं. उन्होंने फैमिली कोर्ट में सहमति से संयुक्त तलाक की याचिका दायर की थी. इसमें दोनों ने 6 महीने की कूलिंग ऑफ पीरियड से छूट की मांग की थी.
वाइफ से एक्स वाइफ बनी धनश्री एक कोरियोग्राफर हैं. कोरोना के समय चहल ने धनश्री का डांस देखने के बाद उनसे डांस सिखने की इच्छा जाहिर की थी. इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई. जल्द ही दोनों एक दूसरे के करीब हुए और दोनों ने दिसंबर 2020 में शादी कर ली. लेकिन शादी के डेढ़ साल बाद ही दोनों अलग रहने लगे.
बार एंड बेंच की वेबसाइट के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में 6 महीने का कूलिंग ऑफ पीरियड भी माफ करते हुए आदेश देते हुए कहा- ‘पिछले ढाई साल से दोनों अलग-अलग रह रहे हैं और 4.75 करोड़ में सेटलमेंट की बातचीत भी हो चुकी है.’ चहल ने सेटलमेंट की आधी रकम धनाशी को दे दी है.
चहल और उनकी पत्नी धनश्री के तलाक की अफवाहें काफी समय से सोशल मीडिया पर चल रही थीं। हालांकि, चहल और धनश्री का अभी तक ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है।
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क्या होता है कूलिंग ऑफ पीरियड ?
हिंदू मैरेज एक्ट (HMA) के तहत कूलिंग पीरियड यानी तलाक की याचिका के बाद पति-पत्नी को 6 महीने तक कुछ समय साथ रहने का आदेश दिया जाता है. जिसमें दोनों पक्षों को तलाक पर फिर सोचने का समय दिया जाता है.