73 की उम्र में Zakir Hussain ने ली अंतिम सांस, परिवार ने की पुष्टि, 2023 में मिला था पद्म विभूषण
Zakir Hussain: दुनियाभर में जाने जाने वाले तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) का निधन हो गया है. सोमवार सुबह उनके परिवार ने इसकी पुष्टि की. परिवार के मुताबिक जाकिर हुसैन इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic Pulmonary Fibrosis) से पीड़ित थे.
दो हफ्ते से अस्पताल में थे भर्ती
रविवार शाम से ही जाकिर हुसैन के मरने की खराब सोशल मीडिया पर छाई हुई थी. लेकिन सोमवार सुबह हुसैन के परिवार वालों ने इसकी पुष्टि की. परिवार ने बताया कि वे पिछले दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती थे. हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें ICU में एडमिट किया गया था. इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली.
4 ग्रैमी सहित पद्म सम्मान भी मिले
उस्ताद जाकिर हुसैन को दुनिया भर में उनके तबले से जाना जाता है. उन्हें उनकी पीढ़ी का सबसे महान तबला वादक माना जाता है. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक जाकिर हुसैन को देश के उच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है. साल 1988 में पद्म श्री, साल 2002 में पद्म भूषण और साल 2023 में पद्म विभूषण से हुसैन को सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें अपने तबला वादन के लिए पांच ग्रैमी अवॉर्ड भी मिले हैं.
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. उनके पिता महान तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी थे. मां का नाम बीवी बेगम था. जाकिर हुसैन की शुरुआती शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी.
1973 में पहला एल्बम लॉन्च
उन्होंने मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था. 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च किया था.
उन्होंने अपने छह दशकों के करियर में देश और दुनिया के कई लोकप्रिय कलाकारों के साथ काम किया था. इंग्लिश गिटारिस्ट जॉन मैकलॉलिन ने 1973 में भारतीय वायलिन प्लेयर एल. शंकर, तबला वादक जाकिर हुसैन और टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ की शुरुआत की थी, लेकिन 1977 के बाद ये बैंड बहुत एक्टिव नहीं रहा.
1997 में जॉन मैकलॉलिन ने फिर से इसी कॉन्सेप्ट पर ‘रिमेम्बर शक्ति’ नाम से बैंड बनाया और इसमें वी. सेल्वागणेश (टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के बेटे), मैन्डलिन प्लेयर यू. श्रीनिवास और शंकर महादेवन को शामिल किया था. 2020 में ये बैंड फिर से साथ आया और ‘शक्ति’ के तौर पर इन्होने 46 साल बाद अपना पहला एल्बम ‘दिस मोमेंट’ रिलीज किया.
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रविवार शाम से ही जाकिर हुसैन के निधन की खबरे सोशल मीडिया पर चल रही थी. भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने भी हुसैन के निधन संबंधी पोस्ट शेयर की थी, लेकिन बाद में इसे MIB ने हटा लिया था. इसके बाद जाकिर की बहन और भांजे आमिर ने उनके निधन की खबर को गलत बताया था.
परिवार में अब कौन ?
वह 73 साल के थे. उन्होंने अपने पीछे एक अभूतपूर्व विरासत छोड़ा है. जाकिर हुसैन के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला, उनकी दो बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी, उनके भाई तौफीक और फजल कुरैशी और उनकी बहन खुर्शीद हैं.