पीलीभीत के एक हिंदू घर में मिली 5 मजारें, चोरी-चुपके हो रहा था ये ‘खेल’, हिंदू संगठनों के विरोध के बाद तोड़ा गया

Pilibhit News: पीलीभीत के सिम्बुआ गांव के एक हिंदू घर में रक साथ 5 मजारें मिली हैं. सिम्बुआ गांव में हिंदू परिवार रहते हैं. यहां केवल 1 ही मुस्लिम परिवार रहता है.
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उत्तर प्रदेश की खबर

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश और नेपाल के बीच बॉर्डर के पास पीलीभीत जिला है. जो पिछले दिनों एनकाउंटर को लेकर काफी सुर्ख़ियों में रहा था. अब एक बार फिर से पीलीभीत सुर्ख़ियों में आ गया है. मगर इस बार इसका कारण बिलकुल अलग है. पीलीभीत के गांव सिम्बुआ से जो खबर सामने आई है वो बिलकुल चौकाने वाली है. पीलीभीत के सिम्बुआ गांव के एक हिंदू घर में रक साथ 5 मजारें मिली हैं.

सिम्बुआ गांव में हिंदू परिवार रहते हैं. यहां केवल 1 ही मुस्लिम परिवार रहता है. मगर जो 5 मजारें मिली है वो एक हिंदू परिवार में मिली है. वहां के एक हिंदू युवक धीरज सक्सेना के घर के एक कमरे में एक साथ पांच मजारें मिली हैं. इस बारे में जब हिंदू संगठनों को पता चला तो कुछ युवकों को बुलाकर इन मजारों को तोड़वा दिया गया.

झाड़-फूंक करता था धीरज

इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस भी ये बात सुन हैरान रह गई. लेकिन जैसे ही मौके पर पहुंची तो उन्हें भी ये बात हजम नहीं हुई कि एक हिंदू परिवार में 5 मजारें बनाई गई है. पुलिस के साथ राष्ट्रीय योगी सेना के महंत भी धीरज सक्सेना के घर पहुंचे. धीरज कथित रूप से गांव के लोगों को गुमराह कर झाड़-फूंक और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से धर्म परिवर्तन का प्रयास करता था.

सूचना पर बरेली से महंत सरोजनाथ, पीलीभीत जिलाध्यक्ष सुमित शर्मा और संगठन के अन्य कार्यकर्ता बिलसंडा थाने पहुंचे और एसओ सिद्धांत शर्मा को लिखित शिकायत दी. पुलिस को धीरज के घर से झाड़-फूंक से जुड़ा सामान भी मिला. धीरज सक्सेना ने पुलिस को बताया कि उसके दादा-परदादा एक पीर बाबा को मानते थे. जब घर में बार-बार परेशानियां और मौतें हुईं तो परिवार ने उन्हीं की शरण ली. चमत्कार हुए, तो हमने आस्था के तहत मजारें बनाई थीं. किसी का धर्म परिवर्तन नहीं किया.

मजार टूटने पर हुआ दुःख

धीरज के परिवार के दूसरे सदस्य सुमेर सक्सेना ने बताया कि हमने कभी किसी को बाध्य नहीं किया, ये सब हमारे घर की निजी श्रद्धा से जुड़ा मामला है. जब मजारें तोड़ी गईं, तो बहुत दुख हुआ.

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इधर, बिलसंडा थाना प्रभारी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि मजारों की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची. स्थिति को देखते हुए धीरज सक्सेना से पूछताछ की गई. मामला धार्मिक भावना से जुड़ा है, और किसी साजिश के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले. पूछताछ के बाद धीरज ने स्वयं मजारें हटाने का निर्णय लिया. फ़िलहाल गांव में स्थिति सामान्य है, कोई तनाव नहीं है.

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