क्लाउड सीडिंग हो गई फेल? घंटों बाद भी दिल्ली में नहीं हो रही बारिश, AAP ने सरकार को घेरा
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग से क्या मिला?
Cloud Seeding In Delhi: दिल्ली में मंगलवार को क्लाउड सीडिंग के कई ट्रायल के बाद भी बारिश नहीं हुई. अधिकारियों ने दावा किया था कि 15 मिनट से 4 घंटे के अंदर बारिश शुरू हो जाएगी, लेकिन बारिश नहीं शुरू हुई. वहीं क्लाउड सीडिंग का असर ना दिखने पर आम आदमी पार्टी ने सरकार को घेरा है. AAP ने आरोप लगाया कि सरकार आर्टिफिशियल बारिश के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रही है.
‘जनता के रुपये बर्बाद, बारिश में भी फर्जीवाड़ा’
क्लाउड सीडिंग के बाद भी बारिश ना होने पर AAP ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करके लिखा, ‘बारिश में भी फर्ज़ीवाड़ा. Artificial Rain का कोई नामोनिशान नहीं दिख रहा है. इन्होंने सोचा होगा कि इंद्र देव बारिश करेंगे और सरकार खर्चा दिखाएगी. कृपया झूठे और फर्जी दावों में ना आयें, जनता के रुपये पूरी तरह बेकार, दिल्ली में कोई बारिश नहीं हुई.’
बारिश में भी फर्ज़ीवाड़ा 🌧️
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 28, 2025
Artificial Rain / कृत्रिम वर्षा का कोई नामुनिशान नहीं दिख रहा है । इन्होंने सोचा होगा:
देवता इंद्र करेंगे वर्षा 🌧️
सरकार दिखाएगी खर्चा pic.twitter.com/6IEqDdHhKv
पर्यावरणविदों ने भी उठाए सवाल
क्लाउड सीडिंग को लेकर पर्यावरणविदों ने भी सवाल उठाए हैं. पर्यावरणविदों का कहना है कि कृत्रिम बारिश से थोड़े समय के लिए प्रदूषण कम हो सकता है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है. इसके अलावा मिट्टी और जल निकायों पर भी असर पड़ता है.
क्या होती है क्लाउड सीडिंग?
क्लाउड सीडिंग प्रदूषण साफ करने के लिए है, जो मौसम बदलने का एक सिस्टम है. इसके जरिए नम बादलों में रसायन डालकर पानी की बूंदों को जोड़ा जाता है, ताकि वे भारी होकर बारिश करें. हालांकि यह सामान्य बारिश से काफी अलग है, क्योंकि यह मानव निर्मित है. फिलहाल इसे में आईएमडी, आईआईटी कानपुर और दिल्ली सरकार मिलकर चला रहे हैं. इस वायु प्रदूषण से निपटने के लिए फिलहाल प्रोजेक्ट की लागत ₹3.21 करोड़ है. जबकि, पूरे दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के लिए करीब 12-15 करोड़ का खर्च आएगा.