Punjab Floods: पीएम मोदी के पंजाब दौरे से पहले गरमाई राजनीति, आप सरकार ने की 20 हजार करोड़ के राहत पैकेज की मांग

Punjab Floods: पीएम मोदी के पंजाब दौरे से पहले आप सरकार ने 20 हजार करोड़ के पैकेज की मांग की. वहीं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कहा कि वे सिर्फ पानी में उतरकर फोटो खिंचवाकर चले गए
Bhagwant Mann

सीएम भगवंत मान

Punjab Floods: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि वह गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन जिलों में हालात का जायजा लेंगे. आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल डिजास्टर टूरिज्म बनकर न रह जाए. उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि पंजाब को 20 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया जाए और राज्य का 60 हजार करोड़ रुपए का बकाया तुरंत जारी किया जाए. अरोड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने पुख्ता इंतजाम किए हैं और पिछली बार की तरह कोई चूक नहीं होगी.

आप नेताओं का केंद्र पर निशाना

अरोड़ा ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर कहा कि इसकी जिम्‍मेदारी राज्‍य सरकार की होती है और पूर्व कांग्रेस सरकार ने सुरक्षा में बड़ी चूक की थी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कहा कि वे सिर्फ पानी में उतरकर फोटो खिंचवाकर चले गए, लेकिन राहत राशि का कोई ऐलान नहीं किया. उल्टा, दिल्ली जाकर ऐसे बयान दिए जिससे पंजाबियों के जख्म और गहरे हुए. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पंजाब की बाढ़ का कारण अवैध खनन है, तो हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ को क्या कहा जाएगा.

वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि प्रधानमंत्री को अगर राहत पैकेज देना होता तो कम से कम 6000 करोड़ का बकाया जारी करें. उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी लागू होने से पंजाब को 50 हजार करोड़ का नुकसान हुआ और ग्रामीण विकास कोष से 8000 करोड़ रुपए भी अटका हुआ है.

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शिवराज चौहान के बयान पर पलटवार

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि पंजाब में बाढ़ का मुख्य कारण अवैध खनन है. इस पर पंजाब सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि यह केंद्र की नाकामी को छिपाने की कोशिश है. जल स्रोत मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि 1988 में जब बड़ी बाढ़ आई थी, तब 11.20 लाख क्यूसिक पानी आया था. इस बार 14.11 लाख क्यूसिक पानी आया जो 20 फीसदी ज्यादा है और यही असली वजह है. उन्होंने आगे कहा कि रावी, ब्यास, सतलुज और घग्गर नदियों में खनन को दोषी ठहराना हकीकत से भागने जैसा है.

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